पटना, 16 दिसम्बर (हि.स.)। बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) की ‘बिहार विजन डॉक्यूमेंट @2047’ कार्यशाला को संबोधित करते हुए बिपार्ड के महानिदेशक केके पाठक ने टीमवर्क और सामूहिक दृष्टिकोण की महत्ता पर जोर दिया। साथ ही कहा कि यह कार्यशाला-2047 तक समृद्ध और विकसित बिहार के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बिहार की प्रगति तब संभव है जब सभी विभाग मिलकर सहयोगात्मक रूप से कार्य करें।
डॉ बी राजेंद्र ने इस दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए कहा कि बिहार @ 2047 का विजन डॉक्यूमेंट प्रदेश की आकांक्षाओं को मूर्त रूप देने के साथ विशिष्ट चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करेगा। हमारी यह सामूहिक कोशिश एक ऐसे भविष्य का निर्माण करेगी जो सतत, समावेशी और परिवर्तनकारी होगा। इस कार्यशाला में विभागों के बीच समन्वय और सहयोग को प्रोत्साहित करते हुए राज्य के विकास के लिए एकीकृत दृष्टि तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया गया। विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने 2047 तक विभागीय लक्ष्यों और रणनीतियों को प्रस्तुत किया।
इसके साथ प्रदेश की प्रमुख विकासात्मक चुनौतियों को चिह्नित करते हुए राज्य में मौजूदा संसाधनों का उपयोग करने पर चर्चा की गई।
सत्रों में रचनात्मक विचार-विमर्श और गतिविधियों के माध्यम से प्रतिनिधियों ने व्यक्तिगत दृष्टिकोण साझा किए और “विकसित बिहार-2047 विषय पर टैगलाइन का सुझाव दिया।
इस कार्यशाला में ग्रामीण विकास विभाग की ओर से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) आयुक्त अभिलाषा शर्मा ने विभाग की सामाजिक सशक्तिकरण और पर्यावरणीय स्थिरता पर केंद्रित विचार रखे। साथ ही कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने उन्नत कृषि उत्पादकता, नवाचारी पद्धति और प्रौद्योगिकी के समावेश के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और बिहार को कृषि व्यवसाय में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने पर जोर दिया।