मंगलवार सुबह उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत कस्बे में एक बड़ा हादसा हुआ। श्री दिगंबर जैन डिग्री कॉलेज के मैदान में भगवान आदिनाथ के निर्वाण लड्डू पर्व के दौरान लकड़ी से बनी सीढ़ियां अचानक ढह गईं। इस हादसे में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हो गए। मृतकों में 2 महिलाएं और 5 पुरुष शामिल हैं।
घटना के बाद स्थानीय समाज और परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने का विरोध किया और जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। डीएम और एसपी को घेराव का सामना करना पड़ा। वहीं, एसपी अर्पित विजयवर्गीय राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा बड़ौत के गांधी रोड पर स्थित श्री दिगंबर जैन डिग्री कॉलेज के मैदान में हुआ। यहां मान स्तंभ पर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा के अभिषेक के लिए 65 फीट ऊंचा लकड़ी का अस्थायी मंच और सीढ़ियां बनाई गई थीं। जब श्रद्धालु सीढ़ियों पर चढ़ने लगे, तो अचानक सीढ़ियां भरभरा कर गिर गईं।
इस हादसे के बाद श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन मौके पर एंबुलेंस उपलब्ध न होने के कारण ई-रिक्शा और अन्य साधनों का सहारा लिया गया।
मृतकों की सूची
- तरशपाल जैन (74 वर्ष) – पुत्र हुकमचंद, गांधी रोड इमली
- अमित (40 वर्ष) – पुत्र नरेश, बिनौली रोड
- उषा (65 वर्ष) – पत्नी सुरेंद्र
- अरुण जैन (48 वर्ष) – मास्टर केशवरम
- शिल्पी जैन (25 वर्ष) – पुत्री सुनील जैन
- विपिन (44 वर्ष) – पुत्र सुरेंद्र
- कमलेश (65 वर्ष) – पत्नी सुरेंद्र
प्रशासन की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही बागपत एसपी अर्पित विजयवर्गीय मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू कराया। घायलों में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हैं। इस हादसे में प्रशासनिक लापरवाही का भी आरोप लगाया जा रहा है, क्योंकि मंच और सीढ़ियों की मजबूती की जांच किए बिना ही इतनी भीड़ को वहां जाने दिया गया।
समाज का विरोध और प्रशासन पर सवाल
मृतकों के परिजन और स्थानीय समाज ने पोस्टमार्टम कराने का विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया। उन्होंने प्रशासन पर सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही का आरोप लगाया। डीएम और एसपी को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा।
सीएम योगी ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दर्दनाक हादसे पर दुख जताया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों को तत्काल उचित इलाज मुहैया कराया जाए। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
घटना ने उठाए सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल
यह हादसा धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी का एक बड़ा उदाहरण है। आयोजकों द्वारा लकड़ी की कमजोर संरचना पर सैकड़ों लोगों को चढ़ने की अनुमति देना, प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही को उजागर करता है।
इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा प्रबंधन को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।