Thursday , January 9 2025

बांध सुरक्षा कानून पारित होने के बाद भी केंद्र सोई हुई है: सुप्रीमो

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नई दिल्ली: केरल का मुल्लापेरियार बांध 130 साल पुराना है. सुप्रीम कोर्ट ने आज इस बांध की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह बांध से जुड़ी किसी भी आशंका को दूर करने के लिए इसके सुरक्षा ऑडिट का आदेश देने को तैयार है। 

सुप्रीम कोर्ट ने मुल्लापेरियार बांध मामले में इस बात पर हैरानी जताई कि संसद में बांध सुरक्षा कानून पारित होने के बावजूद कार्यपालिका अभी तक नींद से नहीं जागी है. 

न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुया ने यह टिप्पणी की। इससे पहले केरल सरकार ने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा 2021 में बांध सुरक्षा अधिनियम पारित करने के बावजूद मुल्लापेरियार बांध को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

जब पीठ को बताया गया कि केंद्र सरकार ने अभी तक बांध सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय समिति का गठन नहीं किया है, तो पीठ ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि संसद में बांध सुरक्षा अधिनियम पारित होने के बावजूद कार्यपालिका नहीं जागी है. 

तमिलनाडु की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी कृष्णमूर्ति ने कहा कि केंद्र ने बांध सुरक्षा प्राधिकरण का गठन किया है और बांध का ऑडिट किया जाएगा।

याचिकाकर्ता मैथ्यू जे नेदुमपारा ने कहा कि अगर पानी बांध को नुकसान पहुंचाता है तो इससे 50 से 60 लाख लोग प्रभावित होने की संभावना है.