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पश्चिम बंगाल में आतंकी संगठन TuM के संदिग्ध की गिरफ्तारी: आतंक के नेटवर्क की जांच शुरू

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पश्चिम बंगाल के कैनिंग क्षेत्र में तहरीक-उल-मुजाहिदीन (TuM) के संदिग्ध ऑपरेटिव जावेद अहमद मुंशी की गिरफ्तारी के बाद, राज्य में आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों की जांच तेज हो गई है। पश्चिम बंगाल स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मुंशी की बंगाल में मौजूदगी के उद्देश्यों और संभावित नेटवर्क का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू की है।

लॉजिस्टिक सपोर्ट और आतंकी संगठनों से संबंध

STF के सूत्रों के अनुसार, जावेद अहमद मुंशी हिजबुल-ए-मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करता था।

  • उसे हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी के लिए प्रशिक्षित किया गया था।
  • बंगाल के नदी मार्गों के जरिए हथियारों की तस्करी की संभावनाओं की जांच करने का निर्देश दिया गया था।

पाकिस्तान में विस्फोटक निर्माण का प्रशिक्षण

  • इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जावेद मुंशी ने 1990 से अब तक पाकिस्तान की सात यात्राएं की हैं।
  • वहां उसने छह महीने का प्रशिक्षण लिया, जिसमें उसे इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाने की तकनीक सिखाई गई।
  • पूछताछ में पता चला है कि उसके हैंडलर्स ने उसे बांग्लादेश के रास्ते भारत में आतंकवाद फैलाने की योजना तैयार करने का निर्देश दिया था।

क्या बंगाल में ट्रेनिंग मॉड्यूल संचालित थे?

STF यह भी जांच कर रही है कि क्या जावेद मुंशी ने पश्चिम बंगाल में कोई ट्रेनिंग मॉड्यूल स्थापित किया था।

  • उसकी गतिविधियां और नेटवर्क राज्य में आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल्स की उपस्थिति की ओर इशारा कर सकती हैं।
  • सुरक्षा एजेंसियां स्थानीय लोगों से संपर्क, सहयोगियों, और संभावित भर्ती योजनाओं का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।

आतंकवाद से जुड़े मामलों में पुराना रिकॉर्ड

मुंशी का आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में लंबा इतिहास रहा है:

  • 2011 में अहल-ए-हदीस नेता शौकत शाह की हत्या में उसकी कथित भूमिका रही है।
  • उसने फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करके बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान की यात्राएं की हैं।
  • पहले भी वह आतंकवाद से जुड़े मामलों में कई बार जेल जा चुका है।

कैनिंग से गिरफ्तारी और ट्रांजिट रिमांड

  • पुलिस के अनुसार, जावेद मुंशी हाल ही में कैनिंग क्षेत्र में पहुंचा था।
  • 22 दिसंबर को उसे गिरफ्तार किया गया और कोलकाता की अदालत ने उसे 31 दिसंबर तक जम्मू-कश्मीर पुलिस की ट्रांजिट रिमांड पर सौंप दिया।
  • यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर पुलिस और पश्चिम बंगाल STF के संयुक्त ऑपरेशन का हिस्सा थी।

क्या पश्चिम बंगाल आतंकी संगठनों के लिए रणनीतिक ठिकाना बन रहा है?

मुंशी की गिरफ्तारी ने इस बात को उजागर किया है कि आतंकी संगठन पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों का उपयोग कैसे कर रहे हैं:

  1. भौगोलिक स्थिति:
    बंगाल की सीमा बांग्लादेश और नेपाल से सटी हुई है, जो इसे आतंकी संगठनों के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट हब बना सकती है।
  2. नदी मार्गों का उपयोग:
    हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी के लिए नदी मार्गों का उपयोग करने की योजनाएं खतरनाक संकेत हैं।
  3. स्लीपर सेल्स की संभावना:
    राज्य में सक्रिय स्लीपर सेल्स और स्थानीय समर्थन की संभावना की जांच हो रही है।

आगे की जांच और सुरक्षा एजेंसियों का फोकस

  • STF और अन्य एजेंसियां जावेद मुंशी से पूछताछ कर यह समझने का प्रयास कर रही हैं कि आतंकी संगठनों की योजनाएं क्या हैं और उन्हें किनसे समर्थन मिल रहा है।
  • जांच यह भी पता लगाने पर केंद्रित है कि क्या अन्य संदिग्ध मॉड्यूल राज्य या पड़ोसी क्षेत्रों में सक्रिय हैं।