भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के चौथे मुकाबले में नीतीश कुमार रेड्डी ने अपने करियर की सबसे यादगार पारियों में से एक खेलते हुए शानदार शतक जड़ा। उनकी इस शानदार पारी ने न केवल भारत को मैच में मजबूती दिलाई, बल्कि उनके परिवार के लिए भी यह पल भावनात्मक रूप से खास बन गया। स्टेडियम में मौजूद नीतीश का परिवार उनकी ऐतिहासिक पारी का गवाह बना, और जब उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया, तो उनके पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े।
शतक के बाद परिवार से भावुक मुलाकात
बीसीसीआई ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें दिखाया गया है कि खेल समाप्त होने के बाद नीतीश ने अपने परिवार से मुलाकात की। जब वह होटल के कमरे का दरवाजा खोलते हैं, तो सबसे पहले अपनी मां से मिलते हैं। उनकी मुस्कान इस खास पल की खुशी को बयान कर रही थी। इसके बाद उन्होंने अपनी बहन को गले लगाया और फिर अपने पिता से मिलकर भावुक हो गए। पिता-पुत्र के बीच यह मुलाकात खेल भावना और परिवार के बीच के गहरे संबंध को दिखाती है।
रेड्डी और सुंदर की साझेदारी ने भारत को संभाला
नीतीश कुमार रेड्डी ने वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर तीसरे दिन की पारी में 127 रनों की साझेदारी निभाई, जिसने भारत को संघर्ष की राह पर ला खड़ा किया। भारत ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 9 विकेट पर 358 रन बना लिए थे। हालांकि, टीम अभी भी ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के 474 रनों के स्कोर से 106 रन पीछे है।
सुबह के सत्र में जब भारत ने ऋषभ पंत (28) और रविंद्र जडेजा (17) के विकेट गंवाए, तो फॉलोऑन का खतरा गहरा गया था। लेकिन एक छोर पर जमे नीतीश ने न केवल अपनी टीम को इस संकट से बाहर निकाला, बल्कि सुंदर के साथ मिलकर पूरे दूसरे सत्र को बगैर किसी नुकसान के निकाल दिया।
सुंदर का संयम और नीतीश का जज्बा
वॉशिंगटन सुंदर ने बेहद धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी करते हुए 162 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। उनकी इस पारी में सिर्फ एक चौका शामिल था। हालांकि, इसके तुरंत बाद वह नाथन लॉयन की गेंद पर स्टीव स्मिथ को कैच थमा बैठे। यह साझेदारी तोड़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया को लंबा इंतजार करना पड़ा।
सुंदर के आउट होने के बाद जसप्रीत बुमराह (0) भी ज्यादा देर नहीं टिक सके और पैट कमिंस ने उन्हें जल्दी पवेलियन भेज दिया। लेकिन इस बीच, नीतीश ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक पूरा किया। उन्होंने 171 गेंदों की अपनी पारी में 10 चौके और एक छक्का जड़ा। यह शतक न केवल उनके करियर का महत्वपूर्ण मोड़ था, बल्कि टीम के लिए भी प्रेरणादायक साबित हुआ।
शतक जो यादगार बन गया
नीतीश की इस पारी को आने वाले वर्षों तक याद किया जाएगा। यह न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए एक ऐतिहासिक पल था, बल्कि भारतीय टीम को एक मुश्किल स्थिति से उबारने का भी बड़ा कारण बना। नीतीश की इस पारी ने भारत को मैच में बने रहने का मौका दिया और दिखाया कि संयम और साहस से बड़ी चुनौतियों को पार किया जा सकता है।
भारत के संघर्ष की कहानी जारी
भारत की पारी अब भी ऑस्ट्रेलिया से पीछे है, लेकिन नीतीश और सुंदर की इस जोड़ी ने यह साबित कर दिया कि टीम में वापसी का जज्बा और क्षमता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में यह पारी टीम की आत्मविश्वास को मजबूत करेगी।