एक पुरानी कहावत है, ‘धीरे दौड़ो और रेस जीतो’ और अब यह बात न केवल दौड़ने में बल्कि स्वास्थ्य लाभ के मामले में भी सच साबित हो रही है। धीरे दौड़ने के कई फायदे हैं, जो आपके दिल को मजबूत बनाते हैं और आपको सर्दी-खांसी से भी बचाते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि तेज़ दौड़ने की तुलना में धीरे-धीरे दौड़ना दिल के लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद होता है। इससे न सिर्फ़ दिल की कार्य क्षमता बढ़ती है बल्कि टाइप 2 डायबिटीज़ का ख़तरा भी कम होता है और इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है। धीरे-धीरे दौड़ने से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है जिससे खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है जो आपके स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद है।
एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी में कार्डियोरेस्पिरेटरी एक्सरसाइज फिजियोलॉजी के प्रोफेसर डैन गॉर्डन कहते हैं कि हाल के वर्षों में धीमी गति से दौड़ना तेजी से लोकप्रिय हो गया है। यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जो हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) के लिए फिट नहीं हैं। HIIT कठिन है और इससे लोग जल्दी थक जाते हैं, जबकि धीमी गति से दौड़ने से ऐसा नहीं होता।
5000 लोगों पर अध्ययन
डेनमार्क में 2015 में 5,000 लोगों पर 12 साल तक किए गए एक अध्ययन से पता चला कि हल्की और मध्यम गति से दौड़ने वालों में मृत्यु दर सबसे कम थी, जबकि बहुत ज़्यादा दौड़ने वालों और न दौड़ने वालों की मृत्यु दर लगभग एक जैसी थी। इसका कारण यह है कि धीमी गति से दौड़ने से दिल की धड़कन धीमी हो जाती है और दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
धीरे-धीरे दौड़ने के अन्य लाभ
धीरे-धीरे दौड़ने का एक और लाभ यह है कि इससे शरीर वसा का उपयोग ईंधन के रूप में करता है, जबकि तेज़ दौड़ने से कार्बोहाइड्रेट जलता है। वसा का चयापचय स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद है क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करता है और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करता है। सर्दियों के मौसम में, जब सर्दी और खांसी का खतरा बढ़ जाता है, धीरे-धीरे दौड़ने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जिससे आपका शरीर सर्दी और खांसी जैसी बीमारियों से लड़ने में अधिक सक्षम होता है।