विनेश फोगाट मामले पर CAS का बड़ा फैसला आया है. पेरिस ओलिंपिक में अयोग्य करार दिए जाने के बाद विनेश ने सिल्वर मेडल दिए जाने को लेकर इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) में अपील दायर की थी, जिस पर अब फैसला आ गया है। दरअसल, CAS ने विनेश की अपील खारिज कर दी. इसके साथ ही भारतीय महिला पहलवान का ओलंपिक पदक जीतने का सपना टूट गया है.
भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्वर्ण पदक मैच के लिए 100 ग्राम अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस फैसले के बाद जहां भारतीय ओलंपिक संघ ने कड़ी आपत्ति जताई, वहीं विनेश भी काफी निराश नजर आईं. इस फैसले को लेकर विनेश फोगाट ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की थी कि उन्हें कम से कम सिल्वर मेडल दिया जाए, जिस पर अब CAS ने फैसला लेते हुए विनेश फोगाट की अपील को खारिज कर दिया है और उन्हें सिल्वर मेडल देने से इनकार कर दिया है.
CAS के इस फैसले पर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने निराशा जताई है. आईओए का मानना है कि दो दिनों के दूसरे दिन वजन उल्लंघन के लिए एक एथलीट को पूरी तरह से अयोग्य ठहराए जाने की गहन जांच होनी चाहिए। भारतीय पक्ष के कानूनी प्रतिनिधियों ने सीएएस के समक्ष मामले को उचित ढंग से प्रस्तुत किया था। आईओए ने अपने बयान में कहा, सीएएस के फैसले के बाद भी, आईओए फोगट के पूर्ण समर्थन में खड़ा है और अन्य कानूनी विकल्प तलाश रहा है। आईओए यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि विनेश के मामले की सुनवाई हो। आईओए खेल में न्याय और निष्पक्षता की वकालत करना जारी रखेगा, यह सुनिश्चित करते हुए कि एथलीटों और खेल में शामिल सभी लोगों के अधिकारों और सम्मान को हर समय बरकरार रखा जाए।
जब विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 में स्वर्ण पदक मैच में अपनी जगह पक्की की, तो वह ओलंपिक इतिहास में कुश्ती के फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं। हालांकि, मेडल मुकाबले की सुबह जब उनका वजन मापा गया तो वह तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया, जिसके कारण भारतीय पहलवान को अयोग्य घोषित कर दिया गया। इससे निराश होकर विनेश ने कुश्ती को अलविदा कह दिया।