Wednesday , December 18 2024

दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण: एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में, ग्रेप-3 के तहत नए प्रतिबंध लागू

Thall Ma Bugdhha Vaya Parathashh

राजधानी दिल्ली में हवा की दिशा बदलने और गति कम होने के कारण वायु गुणवत्ता एक बार फिर से बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। इस गंभीर प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ठंड के साथ बढ़ते प्रदूषण ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। सोमवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 379 रिकॉर्ड किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।

वायु गुणवत्ता में गिरावट: आंकड़े और स्थिति

दिल्ली में सोमवार का AQI 379 रहा, जो रविवार की तुलना में 84 अंक अधिक है। यह इस महीने का सबसे अधिक रिकॉर्ड किया गया AQI है। इसके अलावा, दिल्ली-एनसीआर के अन्य शहरों में भी हवा की गुणवत्ता खराब स्थिति में रही:

  • ग्रेटर नोएडा: 358
  • गाजियाबाद: 324
  • नोएडा: 323
  • गुरुग्राम: 291
  • फरीदाबाद: 194

हवा की धीमी गति के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में अधिक समय तक बने रहते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता खराब हो जाती है। सोमवार को हवा की गति सिर्फ 6 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जो शाम होते-होते 4 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई। इससे प्रदूषण कण संघनित हो गए और हवा की सेहत और बिगड़ गई।

स्कूलों में हाइब्रिड मोड लागू

वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के स्कूलों में कक्षा 5 तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में संचालित की जाएगी। इसका मतलब है कि बच्चे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से पढ़ाई कर सकेंगे।

ग्रेप-3 लागू: नए प्रतिबंध और नियम

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सीएक्यूएम (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू कर दिया है। इसके तहत कई सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं:

  1. कक्षा 5 तक की पढ़ाई:
    • ऑनलाइन मोड में संचालित की जाएगी।
  2. निर्माण और विध्वंस कार्य:
    • सभी प्रकार के निर्माण और विध्वंस कार्य पर प्रतिबंध।
    • हालांकि, जरूरी मरम्मत और मेंटेनेंस के छोटे कार्यों की अनुमति दी गई है।
  3. डीजल बसों पर रोक:
    • बीएस-6 डीजल इंजन, इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों को छोड़कर अन्य डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक।
    • दिव्यांगों के लिए इस नियम में छूट दी गई है।
  4. वेल्डिंग और कटिंग कार्य:
    • बड़े वेल्डिंग और गैस कटिंग के कार्य प्रतिबंधित।
    • छोटे मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग कार्यों को अनुमति।
  5. सिविल कार्यों पर रोक:
    • सीमेंट, प्लास्टर और अन्य कोटिंग के कार्य प्रतिबंधित।
    • छोटे इंडोर रिपेयर और मेंटेनेंस कार्य किए जा सकते हैं।
  6. फ्लोरिंग मटेरियल का कार्य:
    • टाइल्स, स्टोन, कटिंग और फिक्सिंग के बड़े कार्यों पर प्रतिबंध।
    • छोटे इंडोर कार्यों को छूट।
  7. वाटरप्रूफिंग कार्य:
    • सामान्य वाटरप्रूफिंग प्रतिबंधित, लेकिन केमिकल वाटरप्रूफिंग की अनुमति।
  8. लोडिंग-अनलोडिंग:
    • धूल उत्पन्न करने वाले सामान जैसे सीमेंट, फ्लाई ऐश, ईंट आदि की लोडिंग-अनलोडिंग सिर्फ प्रोजेक्ट साइट के अंदर ही की जा सकती है।

अगले कुछ दिनों के पूर्वानुमान

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का पूर्वानुमान है कि मंगलवार से हवा की गुणवत्ता और बिगड़कर बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। यह स्थिति कम से कम अगले छह दिनों तक बने रहने की संभावना है। अगर हवा की गुणवत्ता में और गिरावट होती है, तो ग्रेप-4 लागू किया जा सकता है।

हवा की गुणवत्ता में गिरावट के कारण

  1. धीमी हवा की गति:
    • सोमवार को हवा की गति कम होने से प्रदूषक कण वातावरण में ही ठहर गए।
  2. ठंड बढ़ने से समस्या बढ़ी:
    • तापमान में गिरावट से प्रदूषक कण नीचे की ओर जमने लगे, जिससे वायु प्रदूषण और बढ़ गया।
  3. वेंटिलेशन इंडेक्स:
    • सोमवार को वेंटिलेशन इंडेक्स सिर्फ 200 वर्ग मीटर था, जो औसत से काफी कम है। अगले 24 घंटों में यह 500 वर्ग मीटर तक पहुंच सकता है।
  4. मिक्सिंग डेप्थ:
    • मिक्सिंग डेप्थ सोमवार को 600 मीटर रही।