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दिल्ली में कांग्रेस-आप तनातनी पर संजय राउत का बयान: ‘असल दुश्मन कौन, इसे पहचानें’

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच बढ़ते तनाव के बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने हस्तक्षेप किया है। उन्होंने दोनों दलों को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि उनका “असली दुश्मन” कौन है। उनका इशारा स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर था।

‘इंडिया’ गठबंधन के भीतर विवाद

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ‘इंडिया’ गठबंधन के दो घटक दल आप और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर वादे पूरे न करने और कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए 12-सूत्री श्वेतपत्र जारी किया। इसके जवाब में, आप ने कांग्रेस पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस ने 24 घंटे के भीतर अपने नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की, तो वे गठबंधन से कांग्रेस को बाहर करने की मांग करेंगे।

संजय राउत की सलाह: एकजुट होकर असली दुश्मन पर फोकस करें

संजय राउत ने दोनों दलों के बीच जारी इस तनातनी को खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और आप राज्य स्तर पर अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं और उनके विचार भिन्न हो सकते हैं, लेकिन उन्हें यह समझना होगा कि उनका असली दुश्मन कौन है। अगर यह समझ नहीं है, तो सब कुछ व्यर्थ है।”

राउत ने यह भी कहा कि आप और कांग्रेस की लड़ाई कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब वे ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्य हैं। उन्हें गठबंधन के महत्व को समझते हुए अपने आपसी मतभेदों को सुलझाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा ही दोनों दलों का मुख्य प्रतिद्वंद्वी है।

दिल्ली कांग्रेस के आरोप और आप की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने अपने श्वेतपत्र में आप और भाजपा पर निशाना साधते हुए वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया। वहीं, आप ने इसे भाजपा के साथ कांग्रेस की साठगांठ का प्रमाण बताया। इस तीखी बहस के चलते गठबंधन में दरार की संभावना बढ़ गई है।

आप ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ कांग्रेस और भाजपा एकजुट होकर हमले कर रही हैं। पार्टी का कहना है कि कांग्रेस अपनी हार से बुरी तरह आहत है, क्योंकि आप ने दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस का जनाधार छीन लिया है।

राउत का निष्कर्ष: चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार की जरूरत

संजय राउत ने कहा, “कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि दिल्ली में पिछले तीन लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उसे कोई सफलता नहीं मिली। सत्तारूढ़ पार्टी (आप) हमेशा विपक्षी निशाने पर होती है। लेकिन विपक्षी गठबंधन के तहत, कांग्रेस और आप को भाजपा के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।”

भविष्य की राह

‘इंडिया’ गठबंधन में यह विवाद एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है। राउत का बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि अगर आपसी मतभेद जारी रहे, तो गठबंधन की एकता कमजोर हो सकती है। अब देखना यह है कि कांग्रेस और आप अपने मतभेद सुलझाकर भाजपा के खिलाफ रणनीति बनाने में सफल होते हैं या नहीं।