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तिरुमाला: ‘श्री वेंकटेश्वर मंदिर’ में AI लाने की तैयारी, तीर्थयात्रियों को ऐसे होगा फायदा

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तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर में भक्तों की सहायता के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) चैटबॉट लॉन्च किया जा सकता है। यह चैटबॉट तुरंत उनके प्रश्नों का उत्तर देगा और उनकी समस्याओं को हल करने में मदद करेगा। इससे श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के आवश्यक जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।

 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का एक अनुभव तिरुमाला के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में भी देखा जा सकता है। मंदिर प्रशासन ने भक्तों के लिए ऑटोमेशन और एआई चैटबॉट लाने के बारे में सोचना शुरू कर दिया है। इससे तीर्थयात्रा सेवाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह जानकारी टीटीडी (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) जे श्यामला राव ने रविवार को दी. श्यामला राव ने कहा कि वर्तमान में तीर्थयात्रियों को आवास, दर्शन और अन्य सेवाओं के लिए मैन्युअल प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है, जिसमें बहुत समय लगता है।

मंदिर में AI से बहुत फायदा होगा

मंदिर प्रशासन की योजना इन सेवाओं को एआई के माध्यम से स्वचालित करने की है, ताकि भक्तों को त्वरित और बेहतर सेवा मिल सके। उनका मानना ​​है कि ऑटोमेशन से मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिलेगा और सेवा में पारदर्शिता भी बढ़ेगी. राव ने यह भी कहा कि तीर्थयात्रियों की मदद के लिए एआई चैटबॉट का इस्तेमाल किया जाएगा। यह चैटबॉट तीर्थयात्रियों के प्रश्नों का तुरंत उत्तर देगा और उनकी समस्याओं का समाधान करेगा। इससे श्रद्धालुओं को अपनी समस्याओं के लिए अधिकारियों के पास जाने में कोई कठिनाई नहीं होगी और उन्हें आवश्यक जानकारी आसानी से मिल जाएगी।

तकनीक और शुद्धता का संगम

टीटीडी का लक्ष्य भविष्य की पीढ़ियों के लिए तिरुमाला की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पवित्रता को संरक्षित करते हुए ‘प्रौद्योगिकी के उचित उपयोग’ के माध्यम से तीर्थयात्रियों के अनुभव को बढ़ाना है। श्यामला राव ने यह भी कहा कि मंदिर प्रशासन मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के ‘पारंपरिक सौंदर्य और आधुनिक कार्य’ के मिश्रण के दृष्टिकोण के तहत तिरुमाला के विकास की दिशा में काम कर रहा है।

आदर्श तीर्थ स्थल बनाने का प्रयास

‘विज़न 2047’ के तहत, टीटीडी का लक्ष्य दुनिया के सबसे अमीर हिंदू मंदिर को दुनिया का सबसे आदर्श तीर्थ स्थल बनाना है। इसके लिए मंदिर प्रशासन पर्यावरण प्रबंधन, विकास और विरासत संरक्षण पर विशेष ध्यान देगा। इस कदम से तिरुमाला को एक आदर्श तीर्थस्थल बनाने में मदद मिलेगी, जहां तीर्थयात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और मंदिर की पवित्रता भी बरकरार रहेगी।