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डाबर इंडिया बनाम पतंजलि आयुर्वेद: च्यवनप्राश विज्ञापन विवाद हाई कोर्ट पहुंचा

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एफएमसीजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी डाबर इंडिया (Dabur India) ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। डाबर ने आरोप लगाया है कि पतंजलि का एक विज्ञापन उसके च्यवनप्राश ब्रांड को निशाना बनाकर अपमानजनक और भ्रामक दावे कर रहा है।

दिल्ली हाई कोर्ट का नोटिस

लीगल न्यूज वेबसाइट बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट की जज मिनी पुष्करणा ने मामले में नोटिस जारी किया है।

  • मामले की सुनवाई के लिए इसे जनवरी के अंतिम सप्ताह में लिस्ट किया गया है।
  • डाबर ने पतंजलि के खिलाफ इमीडिएट रिस्ट्रेनिंग ऑर्डर की मांग की है।
  • जज ने शुरुआत में मध्यस्थता का सुझाव दिया, लेकिन डाबर की तत्काल राहत की मांग के बाद सुनवाई का फैसला किया।

पतंजलि के विज्ञापन में क्या है विवाद?

डाबर इंडिया का आरोप है कि पतंजलि का विज्ञापन उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहा है।

  • विज्ञापन में बाबा रामदेव यह कहते हुए नजर आते हैं:

    “जिनको आयुर्वेद और वेदों का ज्ञान नहीं, चरक, सुश्रुत, धन्वंतरि और च्यवनऋषि की परंपरा में असली च्यवनप्राश कैसे बना पाएंगे?”

  • यह विज्ञापन विभिन्न टीवी चैनलों और एक अखबार के दिल्ली संस्करण में प्रकाशित हुआ है।

डाबर का दावा है कि यह विज्ञापन:

  1. उपभोक्ताओं को भ्रमित करता है।
  2. अन्य ब्रांड्स, विशेष रूप से डाबर, की प्रामाणिकता और ज्ञान पर सवाल उठाता है।

डाबर का पक्ष

डाबर इंडिया के प्रतिनिधि अखिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा:

  1. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत च्यवनप्राश तैयार करने के लिए पहले से निर्धारित पैरामीटर हैं।
  2. पतंजलि का दावा कि अन्य ब्रांड्स प्रामाणिक च्यवनप्राश नहीं बना सकते, गलत और हानिकारक है।
  3. डाबर की च्यवनप्राश कैटेगरी में 61% से अधिक बाजार हिस्सेदारी है, और इस प्रकार के आरोप इससे सीधा प्रभावित कर सकते हैं।

पतंजलि का पक्ष

पतंजलि आयुर्वेद की ओर से वरिष्ठ वकील जयंत मेहता ने:

  1. जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।
  2. मुकदमे की स्थिरता पर सवाल उठाया।

डाबर का दावा: पतंजलि है आदतन अपराधी

अखिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि पतंजलि आयुर्वेद पहले भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल रही है।

  • उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले दिए गए आदेशों का हवाला देते हुए इसे “आदतन अपराधी” बताया।

च्यवनप्राश बाजार में प्रतिस्पर्धा

  • डाबर का च्यवनप्राश बाजार में सबसे बड़ा हिस्सा है, जिसमें यह 61% हिस्सेदारी रखता है।
  • पतंजलि का यह विज्ञापन, जो आयुर्वेद और प्रामाणिकता को केंद्र में रखता है, इस प्रतिस्पर्धा को बढ़ा रहा है।