पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि जाफर एक्सप्रेस में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है और सभी बंधकों को छुड़ा लिया गया है। हालांकि, इससे पहले रिपोर्ट्स में कहा गया था कि आतंकियों ने कई बंधकों की हत्या कर दी थी और अब भी आशंका जताई जा रही है कि कुछ बंधक आतंकियों के पास हो सकते हैं।
इस हाईजैक की घटना में बचे यात्रियों ने अब पूरी कहानी बताई है, जिसमें हमले की भयावहता और सेना की प्रतिक्रिया के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
कैसे हुआ हमला? यात्रियों की जुबानी पूरी घटना
बीबीसी उर्दू से बातचीत में एक बुजुर्ग यात्री ने बताया कि –
“अचानक धमाके की आवाज आई और फिर गोलीबारी शुरू हो गई। कई लोग घायल हो गए। हमलावरों ने सभी यात्रियों को नीचे उतरने को कहा और धमकी दी कि अगर नहीं उतरे तो मार दिए जाओगे। उन्होंने महिलाओं और बुजुर्गों को अलग कर दिया। हम किसी तरह वहां से बच निकले और बाद में एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचे।”
हमलावरों की रणनीति
- गोलियां खत्म होने के बाद सेना के जवानों को बंधक बनाया गया।
- यात्रियों के पहचान पत्र चेक किए जा रहे थे।
- सुरक्षाबलों के जवानों को अलग कर गोलियों से भून दिया गया।
- हमलावर यात्रियों की जातीय पहचान कर रहे थे – सिंधी, पंजाबी, बलूची और पश्तून लोगों को अलग-अलग कर रहे थे।
एक अन्य यात्री महबूब हुसैन ने बीबीसी को बताया –
“हमलावर सेना और सुरक्षा बलों के लोगों के पहचान पत्र देखकर उन्हें गोली मार रहे थे। मेरे सामने ही एक व्यक्ति, जो पांच बेटियों का पिता था, उसे गोली मार दी गई।”
रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने भी बताया कि –
“हमलावर यात्रियों से उनकी जात पूछ रहे थे और समूहों में बांट रहे थे। वे कह रहे थे कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती, तो किसी को भी जिंदा नहीं छोड़ेंगे। एक वक्त तो उन्होंने यह भी कहा कि सभी वर्दी वालों को मार डालो।”
ऑपरेशन पूरा होने का दावा, 33 आतंकी ढेर
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और सूचना मंत्री अत्ता तरार ने आधिकारिक बयान में कहा –
“हमने ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और 33 आतंकियों को मार गिराया है।”
पाकिस्तानी सेना का आधिकारिक दावा:
- 440 यात्री ट्रेन में सवार थे।
- 21 यात्रियों और अर्धसैनिक बल के 4 जवानों की हत्या कर दी गई।
- सभी बचे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
हालांकि, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अब भी कुछ यात्रियों के आतंकियों के पास होने की आशंका जताई जा रही है।
कौन थे हमलावर? विद्रोहियों के इरादे क्या थे?
“हमने सरकार के सामने मांगें रखी हैं। अगर पूरी नहीं हुईं, तो किसी को नहीं छोड़ेंगे।” – आतंकियों के कथित बयान
संभावित कारण:
- माना जा रहा है कि बलूच विद्रोही समूह इस हमले के पीछे हो सकते हैं, जो लंबे समय से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।
- ट्रेन यात्रियों को हाईजैक करना और सेना पर हमला करना पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।
क्या यह पाकिस्तान की सुरक्षा नीतियों की असफलता है?
- पाकिस्तानी सेना का दावा है कि ऑपरेशन सफल रहा, लेकिन कई यात्री मारे गए, जिससे उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठता है।
- विद्रोहियों ने ट्रेन हाईजैक कर ली, जो दर्शाता है कि आतंकवाद पर नियंत्रण पूरी तरह नहीं हो पाया है।
- बलूचिस्तान में अलगाववादी हिंसा पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है, जो पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।