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चिराग पासवान अपने पिता की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे, इसी सीट से चुनाव लड़ेंगे

बिहार में एनडीए के सीट बंटवारे के दो दिन बाद चिराग पासवान ने बड़ा ऐलान किया है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान अपने पिता की पारंपरिक हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने बुधवार को इसकी घोषणा की. 

हाजीपुर मतलब राम विलास पासवान?

गौरतलब है कि चिराग पासवान के पिता दिवंगत राम विलास पासवान हाजीपुर सीट से 9 बार सांसद रह चुके हैं. उन्होंने 1969 में राजनीति में प्रवेश किया। लेकिन जब उन्होंने 1977 में हाजीपुर में कीर्तिमान स्थापित किया तो पूरे देश ने उनका नाम सुना. 1977 के चुनाव में राम विलास पासवान ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा. उस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को 4.25 लाख वोटों के अंतर से हराया था. ये पहली बार था जब किसी नेता को इतनी बड़ी जीत हासिल हुई हो. ये जीत इतनी बड़ी थी कि उनका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज हो गया.

हाजीपुर सीट पर राम विलास का दबदबा है

इसके बाद हाजीपुर सीट पर रामविलास पासवान का दबदबा हो गया. 1984 और 2009 के चुनावों को छोड़कर उन्होंने यहां से बाकी सभी चुनाव जीते। वह यहां से 9 बार सांसद रहे हैं. आखिरी बार राम विलास पासवान ने 2014 में यहां से लोकसभा चुनाव लड़ा था. इसके बाद वह राज्यसभा गये. 2019 में उनके छोटे भाई पशुपति पारस यहां से सांसद बने.

पासवान की पार्टी को 5 सीटें मिलीं

बिहार में एनडीए और उसके घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बन गई. बीजेपी महासचिव और बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ जेडीयू के संजय झा और एलजेपी (आर) के राजू तिवारी के बीच सीट बंटवारे की घोषणा की. बीजेपी राज्य में 17 सीटों पर जबकि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. चिराग पासवान आरएलएसपी 5 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी RLJD एक सीट पर और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की HAM पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ेगी.