भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर की कोचिंग शैली और उनके सख्त निर्णयों के कारण ड्रेसिंग रूम में असंतोष की अटकलें तेज हो गई हैं। गंभीर का भविष्य अब भारतीय टीम के आगामी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। अगर टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती, तो उनके कोचिंग करियर पर सवाल खड़े हो सकते हैं।
गंभीर का अब तक का प्रदर्शन
- नतीजे और आलोचना:
- गंभीर ने पिछले साल जुलाई में मुख्य कोच का पद संभाला था।
- उनके कार्यकाल में भारत ने अब तक 10 में से केवल 6 टेस्ट मैच हारे हैं।
- श्रीलंका के खिलाफ द्विपक्षीय वनडे सीरीज भी भारत ने गंवाई।
- बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी:
- भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा।
- इस दौरान गंभीर और सीनियर खिलाड़ियों के बीच मतभेद की खबरें सामने आईं।
चैंपियंस ट्रॉफी पर भविष्य निर्भर
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
“अगर भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती, तो गंभीर की स्थिति कमजोर हो सकती है। उनका अनुबंध 2027 विश्व कप तक है, लेकिन प्रदर्शन की समीक्षा लगातार होगी।”
गंभीर की सुपरस्टार संस्कृति खत्म करने की कोशिशें और टीम संस्कृति पर जोर उनके और सीनियर खिलाड़ियों के बीच असहमति का बड़ा कारण हैं।
सुपरस्टार संस्कृति का अंत: गंभीर का उद्देश्य
गंभीर ने टीम में “सुपरस्टार कल्चर” खत्म करने की पहल की है।
- कठोर उदाहरण:
- दिल्ली रणजी टीम के कप्तान रहते हुए, उन्होंने टीम को रोशनआरा मैदान पर खेलने का आदेश दिया, जो तेज पिचों के लिए जाना जाता है।
- लेकिन, एक बड़े क्रिकेटर ने जामिया मीलिया इस्लामिया मैदान पर खेलने पर जोर दिया, जो उनके घर के करीब था।
- गंभीर ने उनकी मांग को खारिज कर दिया।
- ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नाराजगी:
- गंभीर कुछ स्टार खिलाड़ियों की होटल और अभ्यास समय को लेकर विशेष मांगों से खुश नहीं थे।
खिलाड़ियों की शिकायत और तुलना ग्रेग चैपल से
सीनियर खिलाड़ियों ने गंभीर की संवाद शैली की आलोचना की है।
- उनका मानना है कि गंभीर टीम के साथ संवाद स्थापित करने में असफल रहे हैं।
- कुछ विशेषज्ञों ने उनकी तुलना ग्रेग चैपल से की, जिनके कोचिंग स्टाइल ने भारतीय ड्रेसिंग रूम में काफी विवाद पैदा किया था।
- एक पूर्व चयनकर्ता ने कहा:
“भारत में चैपल का तरीका नहीं चलेगा। कोच को या तो रवि शास्त्री की तरह खिलाड़ियों के दोस्त बनना चाहिए, या राहुल द्रविड़, गैरी कर्स्टन और जॉन राइट की तरह चुपचाप काम करना चाहिए।”
बीसीसीआई के साथ टकराव
गंभीर के निजी सहायक की टीम के साथ उपस्थिति ने भी विवाद खड़ा किया है।
- बीसीसीआई अधिकारियों की शिकायत:
- उनका निजी सहायक टीम के साथ हर जगह मौजूद रहा।
- उसने चयनकर्ताओं की गाड़ी का इस्तेमाल किया और यहां तक कि बीसीसीआई के हॉस्पिटेलिटी बॉक्स में भी प्रवेश किया।
- टीम के लिए आरक्षित क्षेत्रों में उसकी मौजूदगी पर भी सवाल उठाए गए।