कोरोना वायरस संक्रमण ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है और अब इसके दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर नई चिंताएं सामने आ रही हैं। हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं उनमें दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा दोगुना हो सकता है। यह अध्ययन अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था और पिछले सप्ताह प्रकाशित हुआ था।
अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा पिछले सप्ताह प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में 10 हजार लोगों पर शोध किया गया जो कोरोना की पहली लहर में संक्रमित थे। इन लोगों पर तीन साल तक नज़र रखी गई और पाया गया कि जो लोग कोरोना से संक्रमित थे, उनमें दिल का दौरा, स्ट्रोक या मौत का ख़तरा दोगुना था, जबकि जिनका संक्रमण इतना गंभीर था कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, उनमें ख़तरा चार गुना हो गया। .
क्या यह ख़तरा सिर्फ़ उन लोगों के लिए है जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है?
हालाँकि, यह अध्ययन उस समय का है जब कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध नहीं थी। लेकिन फिर भी विशेषज्ञों के बीच वैक्सीन के बाद भी शरीर पर कोरोना के दीर्घकालिक असर को लेकर गंभीर चिंता बनी हुई है. रीडिंग यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एंजेला क्लार्क के मुताबिक, ‘हृदय खुद की मरम्मत नहीं कर सकता, इसलिए एक बार क्षतिग्रस्त होने के बाद इसकी मरम्मत करना लगभग असंभव है।’ उन्होंने यह भी कहा कि दिल एक मजबूत अंग है, जो तब तक कोई संकेत नहीं देता जब तक उसकी हालत खराब न हो जाए.
दिल पर कैसे असर कर सकता है कोरोना?
कोरोना वायरस दिल पर कई तरह से असर डाल सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस रक्त के थक्के जमने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, कुछ मामलों में मायोकार्डिटिस यानी दिल की सूजन भी देखी गई है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
अपने दिल का ख्याल कैसे रखें?
हालांकि, कोरोना संक्रमण के ज्यादातर मामले हल्के होते हैं और इससे कोई दीर्घकालिक समस्या नहीं होती है। लेकिन दिल को स्वस्थ रखने के लिए प्रोफेसर क्लार्क स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि आपके पास एक ही दिल है जिसे जीवन भर काम करना चाहिए, इसलिए इसका ख्याल रखना बहुत जरूरी है।