Aak plant ke fayde: हमारे आस-पास ऐसे कई पेड़-पौधे हैं जिनमें कई तरह के औषधीय गुण होते हैं। कई लोग इन्हें सेहत के लिए अच्छा मानते हैं, लेकिन कुछ लोग इन पौधों को खतरनाक भी मानते हैं। ऐसे ही एक पौधे को वैज्ञानिक रूप से कैलोट्रोपिस प्रोसेरा के नाम से जाना जाता है। बबूल का पौधा अक्सर सड़कों के किनारे या खेतों के आसपास पाया जाता है।
बबूल के पौधे का उपयोग प्राचीन काल से ही भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में किया जाता रहा है। इसकी पत्तियां त्वचा रोगों से राहत दिलाने में फायदेमंद मानी जाती हैं। इसकी पत्तियों का रस सांस संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं में भी किया जाता है।
• बबूल के फूल का अर्क सांस संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है। अस्थमा के मरीजों के लिए यह फूल बहुत फायदेमंद होता है। इस फूल का उपयोग खांसी से राहत पाने के लिए भी किया जाता है।
• बबूल के फूल का रस कान में लगाने से कान के संक्रमण और सूजन से राहत मिलती है। यह कान की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। बिना डॉक्टर की सलाह के इसे घर पर न आज़माएं।
• बबूल के फूल का रस गठिया और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इस फूल के अर्क से मालिश करने से जोड़ों की सूजन कम हो जाती है और दर्द भी कम हो जाता है।
• बबूल के फूल का रस मुंहासे और खुजली जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है। इन फूलों का पेस्ट त्वचा पर लगाने से मुंहासे और खुजली समेत कई समस्याएं दूर हो सकती हैं।
• कई वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि बबूल के फूल में कैंसर रोधी गुण होते हैं, जो आपको कैंसर से बचाने में कारगर होते हैं।
• ऐस फूल का उपयोग करते समय कुछ सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी है। ओक के पत्तों या फूलों का उपयोग डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए। इनका अधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए और बच्चों को भी इसके सेवन से बचना चाहिए। इस पौधे का सेवन या किसी भी तरह से उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।