केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 18 साल पुराने एक बहुचर्चित हत्याकांड में breakthrough देते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह मामला केरल के कोल्लम जिले के अंचल में एक महिला और उसकी जुड़वा बेटियों की हत्या से जुड़ा है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दिबिल कुमार और भारतीय सेना के पूर्व जवान राजेश शामिल हैं।
क्या है मामला?
- घटना: फरवरी 2006 में रंजिनी और उसकी जुड़वा बेटियों की निर्मम हत्या हुई थी।
- आरोपी: दिबिल कुमार और राजेश।
- रिश्ता: रंजिनी और दिबिल कुमार के बीच प्रेम संबंध थे। रंजिनी के गर्भवती होने के बाद दिबिल ने अपने दोस्त राजेश के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
- पहचान: दोनों आरोपी फर्जी पहचान के सहारे वर्षों तक गिरफ्तारी से बचते रहे।
पुडुचेरी से हुई गिरफ्तारी
सीबीआई ने गहन जांच के बाद पुडुचेरी में छापेमारी कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- दिबिल कुमार: कोल्लम जिले के अंचल का निवासी।
- राजेश: कन्नूर जिले का निवासी और भारतीय सेना का पूर्व जवान।
सीबीआई ने कैसे संभाला मामला?
- 2008 में पीड़ित परिवार की याचिका पर मामला सीबीआई को सौंपा गया।
- केरल पुलिस और सीबीआई ने पहले ही जांच के दौरान आरोपियों की पहचान कर ली थी।
- फर्जी पहचान के कारण आरोपियों को पकड़ने में लंबा समय लग गया।
न्यायिक प्रक्रिया और सजा
- दोनों आरोपियों को शनिवार को कोच्चि की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
- अभियोजन पक्ष के अनुसार: आरोपियों ने जुर्म स्वीकार कर लिया है।
केरल में एक और बड़ा मामला: माकपा कार्यकर्ताओं को सजा
सीबीआई की विशेष अदालत ने केरल के एर्नाकुलम में 2019 में युवा कांग्रेस के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में माकपा के 10 कार्यकर्ताओं को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
- मामला: एर्नाकुलम जिले के पेरिया में युवा कांग्रेस के दो कार्यकर्ताओं की हत्या।
- सजा:
- 10 माकपा कार्यकर्ताओं को दोहरे आजीवन कारावास।
- 4 नेताओं को 5 साल का कठोर कारावास।
- जुर्माना: 10 आरोपियों (आरोपी संख्या 1 से 8, 10 और 15) पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।