भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एविओम इंडिया हाउसिंग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए इसके बोर्ड को भंग कर दिया है और अब कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू करने के लिए आवेदन किया है। यह आवेदन राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की नई दिल्ली पीठ में दायर किया गया है।
कारण और प्रशासक की नियुक्ति
आरबीआई ने बताया कि एविओम इंडिया हाउसिंग फाइनेंस के निदेशक मंडल को प्रशासनिक चिंताओं और विभिन्न भुगतान दायित्वों में चूक के कारण भंग किया गया। केंद्रीय बैंक ने पूर्व पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य महाप्रबंधक राम कुमार को कंपनी का प्रशासक नियुक्त किया है।
आरबीआई ने इस कार्रवाई के बारे में कहा कि यह निर्णय राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) की सिफारिश के आधार पर लिया गया है। केंद्रीय बैंक ने ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला (वित्तीय सेवा प्रदाताओं की दिवाला एवं परिसमापन कार्यवाही और अधिनिर्णयन प्राधिकरण को आवेदन) नियम, 2019 के तहत कर्ज समाधान प्रक्रिया शुरू करने का इरादा रखा है।
सलाहकार समिति का गठन
आरबीआई ने प्रशासक को सहायता देने के लिए एक तीन सदस्यीय सलाहकार समिति का भी गठन किया है। इस समिति में परितोष त्रिपाठी (पूर्व सीजीएम, भारतीय स्टेट बैंक), रजनीश शर्मा (पूर्व सीजीएम, बैंक ऑफ बड़ौदा), और संजय गुप्ता (पूर्व एमडी और सीईओ, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस) शामिल हैं।
कंपनी के उत्पाद
एविओम इंडिया हाउसिंग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के उत्पादों में होम रेनोवेशन एंड इम्प्रूवमेंट, होम एक्सटेंशन, होम सनेटाइजेशन और लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी शामिल हैं।