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अस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के बाद छठ महापर्व हर्षोल्लास पूर्वक संपन्न

सहरसा,20 नवंबर (हि.स.)। प्रकृति के साक्षात व प्रत्यक्ष देवता, सृष्टि संचालक भगवान भास्कर की पूजा अर्चना व लोक आस्था का महापर्व छठ हर्षोउल्लास सोमवार को संपन्न हो गया।सोमवार की सुबह उदयगामी सूर्य को अर्ध्य देकर छठ पूजा मनाने वाले व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर भगवान भास्कर से सुख शांति समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।

चार दिवसीय छठ महापर्व के अंतिम दिन सुबह शहर के विभिन्न घाटों पर भगवान भास्कर को श्रद्धालुओं ने अर्घ्य दिया।इसी के साथ छठ महापर्व संपन्न हो गया। विधि-विधान से सूर्योपासना एवं अर्घ के बाद व्रतियां व श्रद्धालु अपने-अपने घरों की ओर लाैट गये।छठव्रती धर्मशिला देवी,मंदाकिनी सहाय,पूनम देवी, रागनी देवी,अनामिका चौधरी,काजल चौधरी, अभिलाषा चौधरी,वीणा चौधरी, अंजली चौधरी, नीतू चौधरी,मनोज चौधरी, संजय चौधरी रवि चौधरी राजू चौधरी चंदन वर्मा,सनत वर्मा, छोटू वर्मा ने बताया लोक आस्था का महापर्व छठ का शुभारंभ 17 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था।

इसके अगले दिन 18 नवंबर को खरना का व्रत व्रतियों ने रखा।खरना की पूजा के बाद 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत शुरू हुआ।19 नवंबर की शाम छठ घाटों पर व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूरज को अर्घ्य दिया। सोमवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के बाद यह संपन्न हो गया। तड़के तीन बजे से ही व्रतियांं एवं श्रद्धालु घाटों पर पहुंच सूर्य देवता व छठी माई की उपासना शुरू की।

सूर्योंदय सुबह छह बजे के बाद अर्घ्य का सिलसिला चल पड़ा। सबके चेहरे एक साथ खिल उठे। छठ व्रतियां हाथ में सूप लिए पूजा में तल्लीन हो गयी।अगल-बगल खड़े परिवार के सदस्य लोटे में जल एवं दूध भरकर सूर्य देवता को अर्घ्य देने लगे। जो पानी के अंदर नहीं पहुंच सके, वो सभी एक के पीछे एक कतार में खड़े हो गये।

एक दूसरे को स्पर्श कर अर्घ्य देने की प्रक्रिया पूरी की।कोई पानी से तो कोई दूध से अर्घ्य देते दिखे। अपना एवं परिवार के अन्य सदस्यों का सूप चढ़ाने के बाद सुहागिनों ने एक दूसरे की मांग भरी एवं परिवार के सभी सदस्यों की खुशहाली व स्वास्थ्य की कामना की।इस दौरान छठ व्रतियों ने सुहागिनों को सिंदूर लगाने के साथ ही उनके खोईचा में ठेकुआ व फल का प्रसाद डाला।छठ पूजा समिति द्वारा लगातार लोगों को हिदायत दिया जा रहा था। वहीं समितियों द्वारा श्रद्धालुओं को अर्घ्य के लिए गाय का दूध व अगरबत्ती भी दी गयी। घाटों पर सुरक्षा को लेकर पुलिस, प्रशासन की अच्छी व्यवस्था थी. शहर के सभी घाटों पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल की तैनाती की गयी थी।