बिहार के बाहुबली नेता और मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह ने शुक्रवार को मोकामा गैंगवार से जुड़े मामले में बाढ़ कोर्ट में सरेंडर कर दिया। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिसके बाद पुलिस उन्हें पटना के बेऊर जेल ले गई। इस मामले में पहले से ही सोनू सिंह और अन्य दो लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
अनंत सिंह के खिलाफ पंचमहला थाना क्षेत्र के नौरंगा-जलालपुर गांव की निवासी सोनू-मोनू की मां ने एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप है कि पूर्व विधायक और उनके समर्थकों ने सोनू और मोनू के घर पर फायरिंग की थी। इसके अलावा, पंचमहला थानेदार के बयान के आधार पर एक और एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें अनंत सिंह पर पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की करने का भी आरोप है।
मोकामा में गैंगवार: गांव में मचा हड़कंप
बुधवार को नौरंगा-जलालपुर गांव में अनंत सिंह और सोनू-मोनू के गुटों के बीच गोलीबारी की घटना ने पूरे इलाके में तनाव का माहौल पैदा कर दिया। पुलिस के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच लगभग 20 राउंड गोलियां चलाई गईं, हालांकि कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार फायरिंग का आंकड़ा 70 राउंड तक हो सकता है।
इस घटना के बाद गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस ने शुक्रवार को इस मामले में अनंत सिंह के समर्थक रौशन सिंह को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, दूसरे पक्ष से सोनू सिंह को भी हिरासत में लिया गया। हालांकि, सोनू सिंह के पिता प्रमोद सिंह ने दावा किया कि उनके बेटे ने खुद थाने में जाकर सरेंडर किया था।
कैसे हुई गोलीबारी की शुरुआत?
घटना की शुरुआत तब हुई जब मुकेश सिंह, जो नौरंगा-जलालपुर गांव के निवासी हैं, ने पूर्व विधायक अनंत सिंह से मदद की गुहार लगाई। मुकेश का आरोप था कि गांव के ही सोनू और मोनू ने उनके परिवार से मारपीट की और घर पर ताला लगाकर उन्हें बाहर निकाल दिया।
अनंत सिंह, अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे और मुकेश के घर का ताला खुलवाया। इसके बाद, वे सीधे सोनू और मोनू के घर पहुंचे। यहीं पर दोनों गुटों के बीच बहस बढ़ गई और मामला गोलीबारी तक पहुंच गया।
पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए केस दर्ज किया है और अब इस मामले की जांच चल रही है।
पहले भी जेल जा चुके हैं अनंत सिंह
अनंत सिंह की छवि बिहार की राजनीति में एक दबंग नेता की रही है। वह मोकामा से लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं। लेकिन उनका विवादों से गहरा नाता रहा है।
- साल 2022 में अनंत सिंह को एके-47 समेत अवैध हथियार रखने के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा और उनकी विधायकी भी छिन गई।
- इसके बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी ने आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
- पिछले साल जब बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ, तो नीलम देवी ने आरजेडी छोड़कर जेडीयू का दामन थाम लिया।
गैंगवार और राजनीति का कनेक्शन
मोकामा में हुए इस गैंगवार ने एक बार फिर अनंत सिंह की दबंग छवि और विवादों को चर्चा में ला दिया है। उनका राजनीतिक सफर जितना सफल रहा है, उतना ही विवादित भी।
अनंत सिंह पर लगे ताजा आरोपों ने उनकी छवि को और धूमिल किया है। हालांकि, यह देखना होगा कि अदालत में यह मामला कितना लंबा खिंचता है और इसके राजनीतिक परिणाम क्या होंगे।
न्यायिक प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई
कोर्ट में सरेंडर करने के बाद, पुलिस ने अनंत सिंह को बेऊर जेल भेज दिया है। इस मामले में पुलिस द्वारा आगे की जांच जारी है।
सोनू और मोनू गुट के साथ अनंत सिंह का यह संघर्ष न केवल मोकामा क्षेत्र की शांति को भंग कर रहा है, बल्कि इसने राजनीतिक और कानूनी हलकों में भी हलचल मचा दी है।
बिहार की राजनीति में अनंत सिंह का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार एक गंभीर आरोप और गैंगवार की पृष्ठभूमि के साथ। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस घटना का राजनीतिक और कानूनी अंजाम क्या होगा।