Monday , December 30 2024

बांग्लादेश हिंसा: शेख हसीना ने पीएम पद से दिया इस्तीफा, हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में घुसे

Bangladesh Violence.jpg

बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर आगजनी और हिंसा के कारण हालात बिगड़ गए हैं। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और जगह-जगह हिंसा कर रहे हैं। सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले किया जा रहा है। इस बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद सेना प्रमुख ने अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान किया है।

बांग्लादेश में लगातार बिगड़ते हालात के बीच सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान राष्ट्र को संबोधित करने जा रहे हैं। देशव्यापी कर्फ्यू की अनदेखी करते हुए हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी ढाका के शाहबाग़ चौक पर लॉन्ग मार्च के लिए जमा हुए हैं। इससे पहले रविवार को हुई हिंसा में 100 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

प्रदर्शनकारियों ने लंबे मार्च का आह्वान किया

बांग्लादेश में भी हालात कुछ समय पहले पाकिस्तान जैसे ही होते जा रहे हैं। पाकिस्तान की तरह ही आंतरिक कलह से जूझ रहे बांग्लादेश ने भी लांग मार्च का आह्वान किया है। छात्र नेताओं ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा की है।

प्रदर्शनकारियों और सरकार समर्थकों के बीच झड़पें भी हुईं

बांग्लादेश में सबसे ताज़ा हिंसा 5 अगस्त को हुई थी। सुबह-सुबह ही बांग्लादेश के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शनकारी जमा हो गए और शेख हसीना के इस्तीफ़े की मांग करते हुए सड़कों पर उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों के बीच झड़पें शुरू हो गईं। प्रदर्शन ने इतना हिंसक रूप ले लिया कि पुलिस और छात्रों के बीच भी झड़पें शुरू हो गईं। सुरक्षा बलों ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और स्टन ग्रेनेड दागे। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी मारे गए।

भारत ने जारी की एडवाइजरी

बांग्लादेश में हिंसा को देखते हुए भारत सरकार ने भारतीय नागरिकों को पड़ोसी देश की यात्रा न करने की सलाह जारी की है। फिलहाल बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी गतिविधियों को सीमित रखने और अपने आपातकालीन फोन नंबरों के माध्यम से ढाका में भारतीय उच्चायोग के संपर्क में रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा सरकार ने इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।