सिकंदराबाद-नागपुर वंदे भारत ट्रेन: भारत की सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस इस समय भारतीय रेलवे की शान है। इसकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मचा दिया है। दरअसल, सिकंदराबाद और नागपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत में यात्रियों की भारी कमी है।
वंदे भारत ट्रेन: देश की सबसे खूबसूरत और आधुनिक ट्रेन वंदे भारत अक्सर सुर्खियों में बनी रहती है. हर रूट पर इस ट्रेन की मांग बढ़ती जा रही है. जहां भी यह ट्रेन चलाई जा रही है, यह यात्रियों से खचाखच भरी मिलती है. इस बीच वंदे भारत ट्रेन को लेकर एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने रेलवे अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. दरअसल, सिकंदराबाद-नागपुर रूट पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन की 80 फीसदी सीटें खाली जा रही हैं. ट्रेन की क्षमता के मुताबिक सिर्फ 20 फीसदी यात्री ही सफर कर रहे हैं. ट्रेन खाली डिब्बों के साथ चल रही है.
तेलंगाना में कुछ दिन पहले ही वंदे भारत ट्रेनें शुरू की गई थीं। यह इसमें 5वीं वंदे भारत ट्रेन थी। इस ट्रेन में यात्रियों की कमी से अधिकारी भी हैरान हैं। इसके उलट, आस-पास के शहरों में चलने वाली दूसरी वंदे भारत ट्रेनों में बड़ी संख्या में यात्री आ रहे हैं। ये ट्रेनें यात्रियों की 100 प्रतिशत क्षमता के साथ चल रही हैं।
सिकंदराबाद-नागपुर वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों की कमी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वंदे भारत ट्रेन संख्या (20102) 22 सितंबर (रविवार) को सिकंदराबाद से नागपुर के लिए रवाना हुई थी. इस ट्रेन के रवाना होने से कुछ देर पहले तक 1200 से ज्यादा सीटें खाली थीं. जबकि ट्रेन की कुल क्षमता 1440 सीटों की है. इसके अलावा दो एग्जीक्यूटिव क्लास कोच में 10 से भी कम यात्रियों ने रिजर्वेशन कराया था, जिनमें कुल 88 सीटें हैं. वंदे भारत ट्रेन इस रूट पर 16 सितंबर को शुरू की गई थी. इसका मकसद महाराष्ट्र के विदर्भ को रामागुंडम, काजीपेट और सिकंदराबाद से जोड़ना था. ताकि स्थानीय लोगों को व्यापारिक दृष्टि से लाभ मिल सके. यह ट्रेन सिकंदराबाद से नागपुर की दूरी 7 घंटे 15 मिनट में तय करती है.
अगर यात्री नहीं होंगे तो क्या वंदे भारत चलेगी या बंद हो जाएगी?
इस समय सिकंदराबाद से नागपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों की भारी कमी है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस ट्रेन को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया जाए। हालांकि रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों की संख्या कम होने पर कोच की संख्या कम की जाएगी। अभी 20 कोच चल रहे हैं। इसे घटाकर 8 कोच किया जा सकता है। ऐसे में सीटों की संख्या 500 से ज्यादा कम हो जाएगी।