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US Green Card Rule: अमेरिका ने ग्रीन कार्ड को लेकर भारतीयों के लिए बदली नीति! अब ग्रीन कार्ड पाना हुआ और आसान

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US Green Card Process: अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाना काफी चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन अगर आपके पास पैसे हैं तो आपको ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। इसकी वजह यह है कि अमेरिका में ग्रीन कार्ड देने के लिए एक खास प्रोग्राम चलाया जाता है। इसे EB-5 (निवेश आधारित ग्रीन कार्ड) प्रोग्राम कहते हैं। हाल के दिनों में कुछ लोगों ने इस प्रोग्राम का गलत फायदा उठाया है, जिसके चलते अब अमेरिकी सरकार सतर्क हो गई है और इसको लेकर बड़ा फैसला लिया है।

अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने ईबी-5 (निवेश-आधारित ग्रीन कार्ड) कार्यक्रम के लिए अपनी नीति पुस्तिका को अपडेट किया है। ऐसा ‘सद्भावना’ निवेशकों की सुरक्षा के लिए किया गया है। ईबी-5 कार्यक्रम को निवेश के माध्यम से ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है। यह कार्यक्रम भारतीयों के बीच बहुत लोकप्रिय है। एच-1बी वीजा पर रहने वाले भारतीय अमेरिका में स्थायी निवास प्राप्त करने के लिए इस कार्यक्रम का सहारा लेते हैं।

निवेश के बाद भी नहीं मिला ग्रीन कार्ड

दरअसल, रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए आवेदकों को कई दशकों तक इंतजार करना पड़ता है। इस वजह से अमेरिका में ईबी-5 कार्यक्रम के तहत उच्च नेटवर्थ वाले लोगों को ग्रीन कार्ड मिल जाता है। लेकिन कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां निवेशकों ने अच्छी खासी रकम निवेश करने के बावजूद न सिर्फ अपना निवेश पैसा गंवाया है, बल्कि ग्रीन कार्ड मिलने की उम्मीद भी छोड़ दी है। ग्रीन कार्ड देने वाले क्षेत्रीय केंद्रों को निवेश का पैसा इंटीग्रिटी फंड में न देने के लिए नोटिस दिया गया है।

ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां क्षेत्रीय केंद्रों ने ईमानदारी कोष में पैसा जमा नहीं कराया, जिसकी वजह से निवेशकों का पैसा डूब गया। इन सब बातों को देखते हुए अब अमेरिकी सरकार ‘सद्भावना’ निवेशकों को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने जा रही है। आपको बता दें कि ईबी-5 कार्यक्रम के तहत निवेशकों को 8 लाख डॉलर यानी करीब 10 लाख डॉलर निवेश करने पर ग्रीन कार्ड दिया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अमेरिका के ग्रामीण या पिछड़े इलाकों में अमेरिकी नागरिकों के लिए रोजगार पैदा करना है।

ग्रीन कार्ड के संबंध में सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?

‘ईबी-5 सुधार और अखंडता अधिनियम, 2022’ के माध्यम से पारदर्शिता और अनुपालन बढ़ाने के उपाय पेश किए गए हैं। इसके माध्यम से भरोसेमंद निवेशकों की रक्षा की जा रही है, जो ईबी-5 कार्यक्रम के नियमों का पालन करके ग्रीन कार्ड प्राप्त करना चाहते हैं। सरकार चाहती है कि क्षेत्रीय केंद्रों या एजेंटों की अनियमितताओं के कारण कोई भी निवेशक ग्रीन कार्ड पाने का अवसर न खो दे।

यूएससीआईएस का नीतिगत अपडेट निवेशकों की सुरक्षा कर रहा है। इसमें कहा गया है कि अगर अमेरिकी सरकार क्षेत्रीय केंद्र को बर्खास्त कर देती है या जिस कंपनी में निवेश किया गया है उसे ईबी-5 कार्यक्रम से बाहर कर दिया जाता है। ऐसी परिस्थितियों में भी निवेशक को ग्रीन कार्ड के लिए योग्य माना जाएगा। इस तरह उन भारतीयों को भी इसका लाभ मिलने जा रहा है जो ग्रीन कार्ड के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं।

साथ ही, यूएससीआईएस ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी निवेशक को पता था कि एजेंट धोखाधड़ी कर रहा है, जिसके कारण उसे वीजा कार्यक्रम से बर्खास्त कर दिया गया, तो वह अब ‘आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम (आईएनए)’ की धारा 203 (बी) (5) (एम) के तहत लाभ नहीं उठा सकता है। उसे कोई छूट नहीं दी जाएगी, भले ही उसे पता हो कि एजेंट धोखाधड़ी कर रहा है, लेकिन फिर भी कोई शिकायत नहीं की गई।