नई दिल्ली। सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) में कर-मुक्त योगदान की मौजूदा सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में वीपीएफ में 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कर लगता है। इस पहल का उद्देश्य निम्न-मध्यम और मध्यम आय वाले लोगों को अपनी बचत बढ़ाने और सेवानिवृत्ति के लिए अधिक धन जुटाने में मदद करना है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मामले से परिचित सूत्रों ने कहा है कि श्रम मंत्रालय प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है और वित्त वर्ष 2026 के आगामी बजट विचार-विमर्श के दौरान वित्त मंत्रालय के साथ इस पर चर्चा कर सकता है।
स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) क्या है?
स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) एक वैकल्पिक योजना है जिसमें वेतनभोगी कर्मचारी अनिवार्य ईपीएफ के अलावा अपनी बचत बढ़ाने के लिए योगदान कर सकते हैं। इसमें योगदान पर ईपीएफ के समान दर पर ब्याज मिलता है, जो सालाना आधार पर चक्रवृद्धि दर से जोड़ा जाता है। वीपीएफ में अधिकतम योगदान मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 100% तक हो सकता है, जो ईपीएफ के समान ब्याज दर पर अर्जित होता है। हालांकि, पांच साल की न्यूनतम अवधि पूरी करने से पहले निकाली गई यह राशि कर के अधीन हो सकती है।
2.5 लाख रुपये की सीमा में बदलाव पर विचार
वर्तमान में वीपीएफ में 2.5 लाख रुपये से अधिक कर-मुक्त ब्याज पाने की सीमा 2022 के बजट में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य उच्च आय वर्ग के कर्मचारियों को इस योजना का उपयोग करके बैंक या सावधि जमा की तुलना में अधिक कर-मुक्त ब्याज अर्जित करने से रोकना था। अब सरकार इस सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है, ताकि मध्यम आय वर्ग के लोग अधिक बचत कर सकें।
ईपीएफओ के तहत 20 लाख करोड़ रुपये का कोष
EPFO के पास 20 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का फंड है और इसमें 7 करोड़ से ज़्यादा मासिक अंशदाता और 75 लाख से ज़्यादा पेंशनभोगी हैं। कर्मचारी VPF में अधिकतम 100% तक योगदान कर सकते हैं, जो उनके मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर आधारित होता है। इसमें मिलने वाला ब्याज EPF के समान ही होता है, जिस पर लंबे समय से 8% से ज़्यादा की दर से ब्याज दिया जाता रहा है।
ब्याज दर और बचत गणना
ईपीएफ पर ब्याज दर वित्त वर्ष 2022 के लिए 8.10%, वित्त वर्ष 2023 के लिए 8.15% और वित्त वर्ष 2024 के लिए 8.25% है। ईपीएफओ और वीपीएफ में प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये का निवेश करके, आप 8.25% की वार्षिक ब्याज दर से 30 वर्षों में लगभग 3.3 करोड़ रुपये जमा कर सकते हैं।