यूपी के संत कबीर नगर जिले में पूर्ति विभाग अब हर महीने कार्डधारकों का सत्यापन करेगा। इसका मकसद अपात्र लोगों को सूची से हटाकर पात्रों को जोड़ना है। केंद्र सरकार गरीबों को हर महीने प्रति यूनिट पांच किलो राशन देती है। हाल ही में हुई जांच में पता चला कि इस योजना का लाभ सिर्फ जिंदा लोग ही नहीं उठा रहे हैं बल्कि कुछ लोग कई मरे हुए लोगों के नाम पर भी हर महीने राशन उठा रहे हैं। जिले में 1633 मरे हुए लोगों के नाम पर राशन डीलर के यहां से राशन उठाया जा रहा था। सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए इन्हें कागजों में अभी भी जिंदा रखा गया है। इनके नाम पर भी हर महीने राशन उठाया जा रहा था। पूर्ति विभाग इन मरे हुए लोगों के नाम राशन सूची से हटा रहा है। अब तक 1500 मरे हुए लोगों के नाम सूची से हटाए जा चुके हैं। इन लोगों के नाम सूची में जुड़ने से गरीबों के नाम राशन सूची में नहीं जुड़ पा रहे थे।
ई-केवाईसी करने पर सामने आया मामला
संतकबीर नगर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की 866 दुकानें संचालित की जा रही हैं। 3 लाख 20 हजार 446 राशन कार्ड धारकों को राशन देने की व्यवस्था की गई है। इनमें से अंत्योदय कार्ड धारकों और पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को हर माह मुफ्त राशन का लाभ दिया जाता है। मुफ्त राशन के लिए लोग राशन कार्ड बनवाने के लिए प्रयास करते रहते हैं। अब शासन ने ई-केवाईसी की सुविधा लागू कर दी है। इसके बाद योजना में हो रहे तरह-तरह के घोटाले पकड़ में आ रहे हैं। हाल ही में शासन ने विभाग को एक सूची भेजी है, जिसके तहत जिले में 1633 ऐसे लोगों के नाम प्रकाश में आए हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। लेकिन उनके नाम पर हर माह राशन खरीदा जा रहा है। अब ऐसे अपात्र लोगों के नाम खारिज किए जा रहे हैं।
जिला पूर्ति अधिकारी विजय प्रकाश सहाय ने बताया कि शासन को एक सूची मिली है, जिसमें मृतकों, दो हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले और आयकर दाताओं द्वारा राशन लिए जाने पर संदेह जताया गया है। उसी सूची का मौके पर जाकर सत्यापन किया जा रहा है। जिन लोगों के नाम पर मुफ्त राशन लिया जा रहा है, उन सभी लोगों के राशन कार्ड निरस्त किए जाएंगे। अब हर महीने सत्यापन किया जाएगा, ताकि अपात्रों को सूची से बाहर किया जा सके।