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Property Tax Rule: वित्त मंत्री ने प्रॉपर्टी पर कैपिटल गेन टैक्स के नियमों में किया बदलाव, जानिए पूरी जानकारी

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लोगों की आवाज को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बजट में लाए गए प्रॉपर्टी से जुड़े कैपिटल गेन टैक्स नियम को वापस ले लिया। हालांकि, बजट में लाए गए नए नियम का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना नहीं था। उन्होंने कहा कि हम प्रॉपर्टी से जुड़े लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नियम का सरलीकरण चाहते थे। फिर भी लोगों ने इस पर आवाज उठाई और हमने इसमें संशोधन करने का साहस दिखाया।

मध्यम वर्ग के लिए मददगार है बजट: सीतारमण

लोकसभा में वित्त विधेयक 2024 पर अपने जवाब के दौरान सीतारमण ने कहा कि उनका बजट मध्यम वर्ग को राहत के साथ-साथ रोजगार देने वाला है। जबकि विपक्ष यह धारणा बना रहा है कि यह बजट मध्यम वर्ग के खिलाफ है, जो गलत है। अगले छह महीनों में वह टैक्स प्रारूप में कई बदलाव लाने जा रही हैं। वित्त मंत्री के जवाब के बाद वित्त विधेयक 2024 पारित हो गया।

संपत्ति बिक्री से जुड़े संशोधित नियमों के तहत विक्रेता के पास 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई किसी भी संपत्ति की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स चुकाने के लिए बजट में पेश नियमों के साथ-साथ इंडेक्सेशन से जुड़े पुराने दोनों नियमों का विकल्प होगा। विक्रेता दोनों में से वह विकल्प चुन सकेगा जिसके तहत उसे कम टैक्स देना होगा। इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी और इंडेक्सेशन के बिना 12.5 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना होगा।

लोग नई कर व्यवस्था चुन रहे हैं

वित्त मंत्री ने कहा कि अगर 10 करोड़ तक की संपत्ति की बिक्री से होने वाले लाभ को संपत्ति में ही निवेश किया जाए, तो उस रकम से दो घर भी खरीदे जाएं, तो भी कोई टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर की नई व्यवस्था के साथ पुरानी व्यवस्था भी जारी रहेगी और करदाता कटौती के तहत अपनी बचत के लिए निवेश कर सकते हैं। लेकिन इस साल दाखिल किए गए आईटीआर में से 72.8 प्रतिशत लोगों ने नई व्यवस्था को चुना है।

लोग म्यूचुअल फंड में खूब निवेश कर रहे हैं और पिछले पांच सालों से म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए हर महीने 17.88 लाख नए फोलियो बनाए जा रहे हैं। सरकार टैक्स संबंधी विवादों को निपटाने के लिए फिर से विवाद से विश्वास योजना लेकर आई है। बाजार से सालाना 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स को टैक्स फ्री कर दिया गया है। ऐसे में इस बजट को मिडिल क्लास के खिलाफ कहना उचित नहीं है। 2012 में शुरू किए गए एंजल टैक्स को खत्म करके स्टार्टअप्स को राहत दी गई है।