आयकर नियम: इस साल 23 जुलाई को पेश किए गए केंद्रीय बजट में सरकार ने कई नए नियमों की घोषणा की थी। इनमें से ज़्यादातर नियम आयकर से जुड़े हैं। ये नियम अगले महीने यानी 1 अक्टूबर से लागू होने जा रहे हैं। अगर आप इनके बारे में पहले से जान लेंगे तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
एफएंडओ ट्रेडों पर उच्च एसटीटी
1 अक्टूबर से फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेड पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) बढ़ जाएगा। 23 जुलाई को केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की थी। सरकार ने F&O ट्रेडिंग में खुदरा निवेशकों की भागीदारी पर अंकुश लगाने के लिए STT बढ़ाने का फैसला किया है। STT एक ऐसा टैक्स है जो सिक्योरिटीज खरीदने और बेचने पर लगता है। सिक्योरिटीज में शेयर, फ्यूचर्स और ऑप्शन शामिल हैं। ऑप्शन प्रीमियम पर STT बढ़कर 0.1 फीसदी हो जाएगा। फ्यूचर्स पर STT बढ़कर ट्रेड प्राइस का 0.02 फीसदी हो जाएगा।
सरकारी बांड से प्राप्त ब्याज पर टीडीएस
1 अक्टूबर से केंद्र और राज्य सरकारों के कुछ बॉन्ड के ब्याज पर 10 फीसदी टीडीएस लागू होगा। इनमें फ्लोटिंग रेट बॉन्ड भी शामिल होंगे। इस साल केंद्रीय बजट में सरकार ने इसकी घोषणा की थी। अभी तक सरकारी बॉन्ड टीडीएस के दायरे से बाहर थे। विशेषज्ञों का कहना है कि टीडीएस के दायरे में आने वाले सरकारी बॉन्ड से उनके रिटर्न पर असर पड़ेगा। हालांकि, टीडीएस के लिए 10,000 रुपये की सीमा तय है। इसका मतलब यह है कि अगर एक साल में सरकारी बॉन्ड से ब्याज के तौर पर मिलने वाली रकम 10,000 रुपये से कम है तो वह टीडीएस के दायरे में नहीं आएगी।
शेयर बायबैक पर कर के नए नियम
शेयर बायबैक पर टैक्स के नए नियम 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे। अब शेयर बायबैक में हिस्सा लेने वाले निवेशकों को कैपिटल गेन्स पर टैक्स देना होगा। इससे पहले शेयर बायबैक में हिस्सा लेने पर निवेशकों को कैपिटल गेन्स पर टैक्स नहीं देना पड़ता था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे शेयर बायबैक प्रोग्राम में निवेशकों की भागीदारी पर असर पड़ सकता है।
आधार के लिए नए नियम
1 अक्टूबर से स्थायी खाता संख्या (पैन) के लिए आवेदन करने या आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार नामांकन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार ने पैन के दुरुपयोग के मामलों को रोकने के लिए यह निर्णय लिया है।
प्रत्यक्ष विवाद से विश्वास योजना 2024
आयकर विभाग की डायरेक्ट डिस्प्यूट टू विश्वास स्कीम 2024 अगले महीने की पहली तारीख से शुरू हो जाएगी। इस स्कीम के तहत करदाताओं को कम पेनाल्टी और कम ब्याज देकर लंबित कर मामलों को निपटाने की सुविधा मिलेगी। जिन करदाताओं के कर मामले 22 जुलाई 2024 तक अपीलीय प्राधिकरणों, उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हैं, वे इस स्कीम का लाभ उठा सकेंगे।