ड्राइविंग लाइसेंस फीस: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए जल्द ही लोगों की जेब पर बोझ पड़ने वाला है। अभी स्थायी लाइसेंस के लिए आवेदकों को 1,000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (डीटीसी) शुरू होने के बाद उन्हें 6,000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। अक्टूबर में प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटर शुरू होने की उम्मीद है।
गाजियाबाद जिले में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों को आरटीओ ऑफिस आकर अपना बायोमेट्रिक और फोटो खिंचवाना पड़ता है। इसके बाद संभागीय निरीक्षक के सामने ड्राइविंग टेस्ट देना पड़ता है। इसमें पास होने के बाद ऑफिस से लाइसेंस स्वीकृत होता है। वहीं, आवेदक सारथी पोर्टल से अपने फोन पर ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) डाउनलोड करते हैं। इस प्रक्रिया के लिए आवेदकों को एक हजार रुपये की फीस ऑनलाइन जमा करनी होती है। ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर शुरू होने के बाद डीएल बनवाने की यह प्रक्रिया पूरी तरह बदल जाएगी।
स्थायी लाइसेंस के लिए आवेदकों को ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (डीटीसी) का विकल्प चुनने के बाद छह हजार रुपये फीस जमा करनी होगी। इसमें से एक हजार रुपये सरकार के खाते में जाएंगे, जबकि पांच हजार रुपये ट्रेनिंग सेंटर की फीस होगी। आवेदक को सेंटर पर 29 घंटे की ट्रेनिंग लेनी होगी। इसके बाद सेंटर पर टेस्ट होगा। इसमें पास होने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा। टेस्ट में फेल होने पर दोबारा टेस्ट के लिए 200 रुपये फीस देनी होगी।
इस समय प्रतिदिन 500 से अधिक स्थायी लाइसेंस के लिए आवेदन किए जा रहे हैं। पड़ोसी जिले गौतमबुद्ध नगर में इस समय निजी ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों से डीएल बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
लर्निंग लाइसेंस की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं: निजी केंद्रों से डीएल की प्रक्रिया शुरू होने के बाद लर्निंग और रिन्यूअल लाइसेंस में कोई बदलाव नहीं होगा। लर्निंग के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और घर बैठे लैपटॉप पर टेस्ट दिया जा सकेगा। इसी तरह रिन्यूअल के लिए आरटीओ ऑफिस में बायोमेट्रिक और फोटो करवाना होगा। साथ ही हेल्थ फिटनेस भी ऑनलाइन जमा करानी होगी और टेस्ट के बाद लाइसेंस जारी हो जाएगा।
तीन डीटीआई खुलेंगे
जिले में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए तीन प्रशिक्षण संस्थान (डीटीआई) खोले जाने हैं। सेंटर में सिम्युलेटर पर ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट भी होगा। सेंटर में हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) और मध्यम व भारी वाहन (एचएमवी) के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहला ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (मान्यता प्राप्त ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र) गुलधर में मेट्रो स्टेशन के पास बनाया जा रहा है। इस सेंटर का लाइसेंस डि-पाक एटीएस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में इस सेंटर के काम करना शुरू करने की उम्मीद है।
गाजियाबाद एआरटीओ प्रशासन राहुल श्रीवास्तव ने बताया, “अक्टूबर के पहले सप्ताह में निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर शुरू हो जाएंगे। सबसे पहले गुलधर के पास सेंटर शुरू करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद डासना सेंटर शुरू किया जाएगा।”