टैक्स हार्वेस्टिंग: म्यूचुअल फंड निवेश के जरिए टैक्स बचाने की तरकीब पर आयकर विभाग की नजर है। टैक्स हार्वेस्टिंग के जरिए निवेशक घाटा दिखाकर टैक्स बचाने की कोशिश करते हैं। यह तरकीब इन दिनों काफी प्रचलित है। लेकिन, यह महंगी भी साबित हो सकती है। इसके चलते आप इनकम टैक्स नोटिस का शिकार हो सकते हैं। जानिए कैसे म्यूचुअल फंड रिडेम्पशन पर आपको टैक्स नोटिस का खतरा है और नोटिस मिलने पर कोई भी सीए आपको इससे नहीं बचा पाएगा।
टैक्स हार्वेस्टिंग क्या है?
टैक्स हार्वेस्टिंग का मतलब है अपनी निवेशित पूंजी पर हुए नुकसान का इस्तेमाल करके टैक्स बचाना। इसमें निवेशक दीर्घावधि या अल्पावधि पूंजीगत लाभ पर टैक्स कम करने के लिए घाटा दिखाते हैं।
आयकर विभाग टैक्स वसूली पर नजर क्यों रख रहा है?
आयकर विभाग इस बात पर नज़र रखता है कि कहीं निवेशक टैक्स बचाने के लिए जानबूझ कर घाटा तो नहीं दिखा रहे हैं। नियमों के तहत ऐसा करना गैरकानूनी हो सकता है।
टैक्स हार्वेस्टिंग कैसे काम करती है?
आप अपने घाटे वाले शेयर या म्यूचुअल फंड बेचकर उसी फंड में वापस निवेश कर सकते हैं। इससे नुकसान की भरपाई हो जाती है और टैक्स की बचत भी होती है।
इसमें कौन से निवेश शामिल हैं?
टैक्स हार्वेस्टिंग सामान्यतः इक्विटी शेयरों, म्यूचुअल फंडों और अन्य पूंजीगत परिसंपत्तियों पर लागू होती है जो दीर्घकालिक या अल्पकालिक पूंजीगत लाभ उत्पन्न करती हैं।
किन गलतियों से बचना चाहिए?
बार-बार घाटा दिखाने से बचें। अपने निवेश का रिकॉर्ड रखें। टैक्स नियमों का पालन करें।
टैक्स बचाने के लिए क्या करें?
साल के अंत में अपने निवेश का ऑडिट करें। घाटा होने के बाद भी उसी परिसंपत्ति में फिर से निवेश करने की योजना बनाएं। सही टैक्स सलाहकार से सलाह लें।
आयकर नोटिस से कैसे बचें?
आयकर नियमों का ठीक से पालन करें और टैक्स हार्वेस्टिंग में पारदर्शिता बनाए रखें। गलत तरीके से घाटा दिखाने पर भारी जुर्माना और नोटिस हो सकता है।