कानपुर, 18 नवंबर (हि.स.)। टेक्नोलॉजी पार्क फाउंडेशन में उन्नत यूएएस और संचार परीक्षण सुविधाओं की स्थापना भारत के रक्षा परीक्षण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बाते सोमवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कही।
उन्होंने बताया कि डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम के तहत प्रमुख उद्योग भागीदारों के साथ यह सहयोग उच्च गुणवत्ता वाली, सुलभ परीक्षण सुविधाओं को सक्षम करने में आईआईटी कानपुर की भूमिका को दर्शाता है जो अकादमिक अनुसंधान और रक्षा उद्योग के विकास दोनों का समर्थन करते हैं। मुझे विश्वास है कि यह पहल तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने और रक्षा नवाचार में आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाकर आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
टेक्नोलॉजी पार्क फाउंडेशन आईआईटी प्रभारी प्रो. अमरेंद्र सिंह ने कहा कि आईआईटी कानपुर और डीटीआईएस के बीच सहयोग का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। रक्षा मंत्रालय ने यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को आवंटित तीन रक्षा वर्टिकल में से दो आईआईटी कानपुर में स्थापित किए जा रहे हैं। यह सुविधा उद्योग और शिक्षा जगत दोनों के लिए फायदेमंद है। एक तरफ, हमारे फैकल्टी और छात्रों को शोध के लिए अत्याधुनिक मशीनें और उच्च-स्तरीय उपकरण उपलब्ध होंगे। वहीं दूसरी तरफ इस सुविधा का उपयोग करने वाले एमएसएमईएस को अपनी आरएंडडी चुनौतियों का समाधान करने के लिए आईआईटी कानपुर की तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने बताया कि फरवरी 2018 में प्रधानमंत्री ने भारत में दो रक्षा गलियारों की स्थापना की घोषणा की। तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारा और उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा। स्वदेशी रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के चल रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में रक्षा मंत्रालय ने बाद में केंद्रीय रक्षा परीक्षण सुविधा स्थापित करने के लिए डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम शुरू की।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा के मुख्य महाप्रबंधक कर्नल संजय सिंह ने कहा कि रक्षा उद्योग में अनुसंधान एवं विकास तथा परीक्षण सबसे अधिक संसाधन-गहन गतिविधियों में से हैं। इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, रक्षा मंत्रालय ने उन्नत परीक्षण सुविधाओं की स्थापना को मंजूरी दी है, जिनमें से दो कानपुर रक्षा नोड में स्थित होंगी। इन परीक्षण केंद्रों को भविष्य में प्रमाणन केंद्रों के रूप में विकसित करने की भी परिकल्पना की गई है, जो वर्तमान में रक्षा एजेंसियों के लिए विशिष्ट भूमिका है।”
उक्त जानकारी देते हुए आईआईटी कानपुर की मीडिया सदस्य रुचा खेडेकर ने बताया कि सोमवार को आईआईटी कानपुर रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी पार्क फाउंडेशन ने दो स्पेशल पर्पज व्हेइकल्स- यूएएस टेस्टिंग फाउंडेशन और कम्युनिकेशन (डिफेंस) टेस्टिंग फाउंडेशन के साथ समझौते किए हैं। ताकि टेक्नोलॉजी पार्क फाउंडेशन में अत्याधुनिक रक्षा परीक्षण बुनियादी ढांचे की स्थापना की जा सके। ये सुविधाएं रक्षा के दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों मानव रहित हवाई प्रणाली (यूएएस) और संचार प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करेंगी।