आरबीआई की इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम ने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है। इस योजना का नाम सॉवरेन गोल्ड स्कीम है. ऐसे में ग्राहक चाहते हैं कि सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का पैसा जल्द भुनाए. क्योंकि इसने निवेशकों को पिछले 8 साल में 160 फीसदी का बंपर रिटर्न दिया है.
ऐसी कई सरकारी योजनाएं हैं
सरकार लोगों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लॉन्च करती रहती है, आज हम आपको एक ऐसी ही योजना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें निवेशकों ने खूब पैसा लगाया और अब उनका पैसा दोगुना हो गया है। इस योजना का नाम सॉवरेन गोल्ड स्कीम है. इन दिनों फिजिकल सोने की कीमतें लगातार गिर रही हैं। ऐसे में ग्राहक चाहते हैं कि सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का पैसा जल्द भुनाए. क्योंकि इसने निवेशकों को पिछले 8 साल में 160 फीसदी का बंपर रिटर्न दिया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इस योजना की शुरुआत की थी
2016-17 के इस गोल्ड बॉन्ड की सीरीज-3 ने पिछले 8 साल में निवेशकों का पैसा दोगुना कर दिया है। लेकिन चालू वित्त वर्ष का आधे से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद निवेशक बॉन्ड से पैसा नहीं निकाल पाए हैं. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने बॉन्ड से रिडेम्पशन की तारीख 16 नवंबर तय की थी. आरबीआई ने यह भी बताया कि निवेशकों को प्रति ग्राम कितना पैसा मिलेगा। हालांकि, निवेशकों को एक भी किस्त जारी नहीं की गई है.
999 शुद्धता का स्वर्ण मानक
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की आखिरी किश्त पिछले वित्तीय वर्ष में जारी की गई थी। निवेशकों ने आखिरी बार 21 फरवरी को 2023-24 के लिए देय बांड भुनाए थे। इस योजना के तहत सरकार अब तक कुल 250 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. 72,274 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं और कुल 67 किश्तें जारी की गई हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत आरबीआई जहां सोने की कीमत 3 दिनों में बंद हो जाती है। उसके औसत के अनुसार निर्णय करता है. इसके लिए बैंक इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड की रिपोर्ट की मदद लेता है और 999 शुद्धता वाले सोने को मानक मानकर मूल्य निर्धारित करता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्या है?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक प्रकार का सर्टिफिकेट है, जो आरबीआई द्वारा जारी किया जाता है। इसमें निवेशक सोने के ग्राम के हिसाब से निवेश करते हैं। इस स्कीम में मैच्योरिटी पर न सिर्फ सोने की बाजार कीमत मिलती है, बल्कि निवेश पर 2.5 फीसदी सालाना ब्याज भी मिलता है. ब्याज की यह रकम हर 6 महीने के आधार पर दी जाती है, जिसका खुलासा करने में सरकार देरी कर रही है. लोगों ने इस स्कीम को सोना समझ लिया और इसमें जमकर निवेश किया.