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मोहसिन रजा के पत्र से यूपीसीए में मची हलचल, सीएम योगी करा सकते हैं जांच

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कानपुर, 06 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) पर जो आरोप अभी तक लगते थे वह कुछ दिन बाद ठंडे बस्ते में चले जाते थे। इसके पीछे कारण रहता था कि आरोप लगाने वाले आगे हिम्मत नहीं जुटा पाते थे या उन्हे मैनेज कर लिया जाता था। लेकिन अबकी बार आरोप लगाने वाले पूर्व मंत्री मोहसिन रजा को समझना मुश्किल पड़ जाएगा। इसी के ​चलते उनके द्वारा लगाए गये आरोपों को लेकर जो पत्र यूपीसीए सचिव के पास आया है उसको लेकर यूपीसीए में हलचल मच गई। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी मोहसिन रजा ने यूपीसीए पर भ्रष्टाचार और अनियमितता का तो आरोप लगाया ही है साथ ही खिलाड़ियों से वसूली का भी आरोप लगाया है। यहां तक कि खिलाड़ियों से हो रही वसूली के रेट भी खोल दिये हैं। यही नहीं मोहसिन रजा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी शिकायत की है, जिससे यूपीसीए में डर है कि कहीं पूरे मामले की जांच न हो जाये।

–मुख्यमंत्री से की गई शिकायत

पूर्व क्रिकेटर मोहसिन रजा ने इस सम्बंध में मुख्यमंत्री योगी से मिलकर यूपी क्रिकेट एसोसिएशन में चल रहे भ्रष्टाचार की शिकायत की है और कांग्रेस के बड़े नेता का हाथ होना बताया गया है। मोहसिन रजा ने कहा कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का पिछले कुछ वर्षों से स्वरुप बदला गया है। उन्होंने कहा कि वह भी पूर्व में क्रिकेटर रहे हैं और उन्होंने कभी भी न पैसे दिए और न ही उसके पक्षधर हैं। यूपीसीए में भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर कई अभिवावकों ने इनसे सम्पर्क किया और वस्तुस्थिति से अवगत कराया। इस पर आरटीआई के माध्यम से सूचनाएं ली गयीं तो पता चला कि यह वह संस्था है ही नहीं जिसके तहत पूर्व में क्रिकेटर खेला करते थे। इसमें तो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स हैं इसमें कांग्रेस के बड़े नेता का हाथ है जो वर्ष 2005 में यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन सचिव ज्योति बाजपेयी का सहारा लेकर आगे बढ़े। इसके बाद एसोसिएशन को प्राईवेट लिमिटेड में बदलकर इस पर उन्होंने खुद कब्जा कर लिया और स्व.बाजपेयी को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। जाहिर सी बात है कि कांग्रेस का जैसा चरित्र है, उनके नेता भी वैसे ही करेंगे। इसके बाद प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बनाकर प्रदेश के युवाओं को गुमराह किया गया।

–सौ करोड़ से अधिक का आयकर का नोटिस

आरोप है कि कांग्रेस नेता के बेहद करीबी कहे जाने वाला उनका पीए ही सारा खेल करता है। बच्चों को क्रिकेट खिलाने के लिए उनसे पैसे लिए जाते हैं, उनका शोषण किया जाता है। ऐसे ही तमाम प्रकरण सामने आए हैं। मोहसिन रजा ने बताया कि बीसीसीआई ने जब इनसे पूछा कि आपने कम्पनी क्यों बना ली? इस पर इन्होंने कहा कि राज्य सरकार से उनकी नहीं बनती, लिहाजा प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बना ली। इनका यह दावा भी झूठा साबित हुआ। जिस सरकार से खराब रिश्तों का जिक्र किया, उसी सरकार ने कानपुर का ग्रीन पार्क स्टेडियम इन्हीं को 30 साल के लिए लीज पर दे दिया। यह सवाल तब उठा जब लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट आई कहा गया कि इसी रिपोर्ट के आधार पर बीसीसीआई और राज्य के सभी क्रिकेट एसोसिएशन चलने थे। यूपी क्रिकेट एसोसिएशन लिमिटेड कम्पनी कहती है कि वह नो प्रॉफिट, नो लॉस पर चलती है। उसकी कोई आय नहीं है लेकिन 100 करोड़ से अधिक की इनकी आयकर विभाग की देनदारी है। अगर प्रॉफिट नहीं था तो यह इनकम टैक्स का नोटिस इन्हें क्यों आ गई।

–खिलाड़ियों से वसूला जाता है रुपया

मोहसिन रजा ने आरोप लगाया कि इससे साबित हो गया है कि उप्र क्रिकेट एसोसिएशन अपनी पटरी से उतर चुका है। सरकारी सम्पत्तियों का दोहन बेदर्द तरीके से किया जा रहा है। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जो अब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने क्रिकेटरों से टीम में शामिल किए जाने के शुल्क को भी उजागर कर दिया है। जो इस प्रकार हैं। अंडर-16 टीम में सेलेक्शन के लिए 6 लाख रुपये,अंडर-19 में खिलाने के लिए 20 लाख रुपये,अंडर-23 टीम में खिलाने के लिए 30 लाख, और रणजी खिलाने के लिए 30 से 50 लाख की वसूली की जाती हैं। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अरविन्द श्रीवास्तव ने बुधवार को इस बारे में बताया कि अभी मोहसिन रजा का भेजा गया पत्र पूरी तरह से देखा नहीं गया है। आज व्यस्तता के चलते पत्र पढ़ नहीं पाए हैं। पत्र का अध्ययन करने के बाद ही इस विषय पर विस्तृत प्रतिक्रिया व्यक्त की जाएगी। अभी इस विषय पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है।