मुरादाबाद, 28 अक्टूबर (हि.स.)। अध्यात्म ज्ञान एवं चिन्तन संस्था की 174 वीं मासिक ब्रह्मज्ञान विचार गोष्ठी का आयोजन सोमवार को मुरादाबाद इंस्टीट्यूट टेक्नोलॉजी (एमआईटी) सभागार में किया गया। इसका विषय था स्वामी विवेकानन्द द्वारा विश्व धर्म संसद में समग्र हिन्दुत्व का यशोगान। डॉ. रमेश चन्द्र यादव ‘कृष्ण’ ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द ने पूरे विश्व में हिन्दुत्व को ऊपर उठाया है।
डाॅ. यादव ने आगे कहा कि स्वामी विवेकानन्द के बारे में रवीन्द्रनाथ ठाकुर, राजगोपालाचारी, लोकनायक जयप्रकाश नारायण तथा डाॅ. रामधारी सिंह दिनकर के साथ-साथ नेताजी सुभाष चन्द्र बोस तथा योगी अरविन्द ने भी मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। केवल 39 वर्ष के अपने संक्षिप्त जीवन काल में उन्होंने जनमानस में नई चेतना और नई आशा जगाने की दिशा में बहुत कुछ किया है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द और अन्य समाज सुधारकाें में अन्तर स्पष्ट दिखाई पड़ता है। ब्रह्म समाज और आर्य समाज दोनों ही हिन्दुत्व के उद्धार के लिए प्रयत्नशील रहे हैं लेकिन इन आंदोलनों में एक दोष यह था कि वे सम्पूर्ण हिन्दुत्व की रक्षा के समर्थक नहीं थे। महर्षि दयानन्द ने उतने ही हिन्दुत्व को रक्षणीय माना जिसका आख्यान वेदों में मिलता है अर्थात जिसमें मूर्तिपूजा नहीं है, जिसमें तीर्थ-व्रत-अनुष्ठान-श्राद्ध आदि तथा अवतारवाद, देवी-देवता, स्वर्ग-नरक को नहीं माना गया है।
विचार गोष्ठी में सुधीर गुप्ता एडवोकेट, रविंद्र नाथ कत्याल, सूर्य प्रकाश द्विवेदी, अक्षेंद्र नाथ सारस्वत, नीरज, अश्वनी दीक्षित, मलखान सिंह, शैल गोयल, करनल हर्षवर्धन गोयल, अनिल सिक्का, अर्जुन वीर वर्मा, राजपाल सिंह आदि मौजूद रहे।