नई दिल्ली। रिटायरमेंट फंड और मासिक पेंशन के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक बेहतरीन निवेश विकल्प है। NPS में निवेश करके आप न सिर्फ अपने रिटायरमेंट को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि टैक्स छूट का भी लाभ उठा सकते हैं। NPS में निवेशक को रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त रकम मिलती है और इसके साथ ही मासिक पेंशन का लाभ भी मिलता है। खास बात यह है कि मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर कोई टैक्स नहीं लगता। अगर आपको लगता है कि NPS में सिर्फ नौकरी के दौरान ही निवेश किया जा सकता है, तो आप गलत हैं।
नए नियमों के अनुसार, रिटायरमेंट के बाद भी NPS में निवेश जारी रखा जा सकता है। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने NPS को और अधिक लचीला बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं। अब 60 से 65 वर्ष की आयु के बीच भी निवेश किया जा सकता है और ग्राहक 70 वर्ष की आयु तक NPS में योगदान जारी रख सकता है।
परिपक्वता पर 60% राशि निकाली जा सकती है
मैच्योरिटी पर NPS से पूरा फंड नहीं निकाला जा सकता। कुल फंड का 40 प्रतिशत अनिवार्य रूप से एन्युटी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्रदान करता है। शेष 60 प्रतिशत राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है। अगर आप रिटायरमेंट के बाद भी NPS में जमा अपनी रकम नहीं निकालना चाहते हैं, तो सरकार आपको इसकी अनुमति देती है।
कर छूट उपलब्ध है
एनपीएस में निवेश करने पर टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है। आप भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80CCD(1), 80CCD(1B) और 80CCD(2) के तहत कर कटौती के हकदार हैं। धारा 80CCD(1B) के तहत NPS में निवेश पर 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त कटौती प्राप्त की जा सकती है, जो धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की कर छूट के अतिरिक्त है।
एनपीएस खातों के प्रकार
एनपीएस में दो तरह के खाते होते हैं: टियर 1 और टियर 2. टियर 1 अकाउंट रिटायरमेंट अकाउंट होता है, जिसमें पैसे निकालने पर कुछ शर्तें लागू होती हैं. वहीं टियर 2 अकाउंट सेविंग अकाउंट की तरह होता है, जिसमें से आप बिना किसी प्रतिबंध के पैसे निकाल सकते हैं.