TRAI Rule Change: ट्राई ने टेलीकॉम नियमों में बदलाव किया है। नया नियम 1 नवंबर 2024 से पूरे देश में लागू हो जाएगा। दरअसल, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों को 1 नवंबर से मैसेज ट्रेसेबिलिटी लागू करने का निर्देश दिया है।
नया संदेश ट्रेसिबिलिटी नियम क्या है?
अब सवाल उठता है कि मैसेज ट्रेसेबिलिटी क्या है? तो आपको बता दें कि 1 नवंबर से आपके फोन पर आने वाले सभी मैसेज की निगरानी तेज हो जाएगी। आसान शब्दों में कहें तो आपके मोबाइल पर आने वाले सभी तरह के फर्जी कॉल और मैसेज को रोकने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे फर्जी कॉल और मैसेज की पहचान करना आसान हो जाएगा। वहीं, अगर आप ऐसा कोई मैसेज या कॉल रिसीव नहीं करना चाहते हैं तो आपको उसे ब्लॉक करने का विकल्प दिया जाएगा।
ट्राई ने 1 नवंबर की समयसीमा तय की
अगस्त में ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे बैंक, ई-कॉमर्स, वित्तीय संस्थानों से आने वाले ऐसे सभी मैसेज को ब्लॉक करें जो टेलीमार्केटिंग, प्रमोशन से जुड़े हों। ट्राई ने कहा कि टेलीमार्केटिंग मैसेज का एक मानक प्रारूप होना चाहिए ताकि प्रमोशनल कॉल और मैसेज की पहचान की जा सके और रेड फ्लैग किया जा सके ताकि यूजर को पता चल सके कि उनके मोबाइल पर आने वाले मैसेज और संदेश प्रमोशनल हैं। इससे धोखाधड़ी की समस्या से निजात मिल सकती है।
भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी तेजी से बढ़ रही है
हालांकि, नए नियम के लागू होने में दिक्कत यह है कि इससे महत्वपूर्ण बैंकिंग संदेश और ओटीपी मिलने में देरी हो सकती है। ऐसे में ऑनलाइन भुगतान में बाधा आ सकती है। टेलीकॉम ऑपरेटरों ने कहा कि वे 1 नवंबर से नई व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार हैं। भारत में हर दिन करीब 1.5 से 1.7 अरब कमर्शियल संदेश भेजे जाते हैं।
जियो एयरटेल वीआई ने मांगी 2 महीने की छूट
जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया की सदस्यता वाली संस्था सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने इस मामले में ट्राई को पत्र लिखकर मोबाइल ट्रेसेबिलिटी नियमों को लागू करने में 2 महीने की छूट मांगी है।