टीवी टैरिफ प्लान: इस साल जुलाई में मोबाइल रिचार्ज प्लान महंगे हो गए थे, जिसके बाद जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया यूजर्स काफी नाराज हुए थे और इसके बाद उन्होंने अपना कनेक्शन बीएसएनएल में शिफ्ट कर लिया था। हालांकि, अब टीवी देखना महंगा होने जा रहा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने केबल टीवी ऑपरेटर टैरिफ और जीएसटी में बढ़ोतरी का ऐलान किया है।
केबल टीवी पर 18 की जगह 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने की मांग
हालांकि सरकार के इस फैसले का तमिलनाडु समेत देश के कई हिस्सों में विरोध शुरू हो गया है। केंद्र सरकार के चैनल टैरिफ बढ़ाने और 18 फीसदी जीएसटी लगाने के नियम का विरोध शुरू हो गया है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने केबल टीवी चैनलों के टैरिफ में बढ़ोतरी की है। साथ ही 18 फीसदी जीएसटी लगाया जा रहा है। लेकिन केबल टीवी ऑपरेटरों का कहना है कि जीएसटी दर 18 फीसदी की जगह 5 फीसदी होनी चाहिए।
सरकार के फैसले का विरोध हो रहा है
चेन्नई के केबल टीवी ऑपरेटर सरकार के इस नियम का विरोध कर रहे हैं। एएमएमके के संस्थापक टीटीवी दिनाकरन ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट लिखी है। उन्होंने सरकार पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के नियम को वापस लेने का दबाव भी बनाया है।
जानिए कितना बढ़ जाएगा मासिक खर्च
जीएसटी में बढ़ोतरी का सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा। मतलब अगर सरकार केबल टीवी ऑपरेटर्स पर 18 फीसदी जीएसटी लगाती है तो बढ़ी हुई कीमत ऑपरेटर द्वारा ग्राहकों से वसूली जाएगी। ऐसे में अगर आपका मासिक रिचार्ज 500 रुपये का है तो आपको 90 रुपये ज्यादा देने होंगे। वहीं 1000 रुपये के रिचार्ज पर आपको 180 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। इसी तरह 1500 रुपये के रिचार्ज पर आपको 270 रुपये ज्यादा देने होंगे। ऐसे में केबल टीवी देखने वाले यूजर्स का आपका मासिक खर्च बढ़ जाएगा। केबल टीवी क्या है?
दरअसल, भारत में मनोरंजन के कई साधन हैं। यूज़र्स इंटरनेट की मदद से सीधे OTT ऐप्स से फ़िल्में और शो देखते हैं। कुछ लोग टाटा स्काई और डिश टीवी जैसे वायरलेस साधनों का इस्तेमाल करते हैं। कुछ यूज़र्स वायरलाइन की मदद से टीवी और शो देखते हैं, जिसे केबल टीवी के नाम से जाना जाता है।