वाराणसी, 25 अक्टूबर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में शुक्रवार अपरान्ह में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की विश्वविद्यालय इकाई ने आक्रोश मार्च निकाला। मार्च में शामिल विद्यार्थियों और कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन की संवादहीनता और अनियमितता के खिलाफ आवाज बुलन्द की गई है। मार्च केंद्रीय कार्यालय परिसर से विश्वनाथ मंदिर एवं संकाय मार्ग से कुलपति आवास होते हुए महिला महाविद्यालय तिराहे पर पहुंच कर समाप्त हुआ।
मार्च में शामिल परिषद के बीएचयू इकाई के मंत्री भाष्करादित्य त्रिपाठी ने बताया कि शोध प्रवेश में एमफिल डिग्री धारको को अवसर देने,नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी के साथ हो रहे अन्याय, स्पंदन को पुनः शुरू करने, आईओयू धन के दुरूपयोग की जांच समेत 19 सूत्रीय मांगों को लेकर विगत 18 अक्टूबर से कार्यकर्ता धरना दे रहे है। परिसर स्थित केन्द्रीय कार्यालय के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे छात्रों का हाल जानने के लिए कोई विश्वविद्यालय का अधिकारी धरनास्थल पर नही पहुंचा और न ही किसी प्रकार का संवाद किया है।
इकाई अध्यक्ष प्रशांत राय ने कहा “ऐसा प्रतीत होता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को अब छात्रों के हित से कोई मतलब नहीं है । प्रशासन के लोग केवल अपनी जेबों को भरने में लगे हुए हैं । मार्च में ओंकार शास्त्री, आशीर्वादम, राजकुमार, सर्वेश, गौरव, विकास , आदर्श गौतम, साक्षी, अपर्णा, आरोही, मदन गोपाल, व्योम, हिमांशु, ध्रुव, अश्विनी, अखिलेश, पल्लव, गजेंद्र,दिव्यांशु, कृष्णकांत आदि ने भागीदारी की।