फिरोजाबाद, 17 अक्तूबर (हि.स.)। प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अशोक यादव को 7 वर्ष पूर्व एक मामले में गुरुवार को न्यायालय से जमानत मिल गई है। उनके खिलाफ थाना उत्तर में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
थाना उत्तर पुलिस ने 9 जनवरी, 17 को प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक अशोक यादव के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था। दर्ज किए गए मुकदमे में आरोप था कि पूर्व विधायक ने बिना अनुमति लिए होटल में गोष्ठी का आयोजन किया है। पुलिस ने वहां जाकर देखा तो पूर्व विधायक अशोक यादव 60 से 70 लोगों को संबोधित कर रहे थे। पुलिस का कहना था कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद उन्होंने इसका पालन नहीं किया। उनके खिलाफ लोग प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत अपराध पाया गया है।
पूर्व मंत्री अशोक यादव के अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ ने बताया कि पूर्व मंत्री अशोक यादव ने इस मामले में न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की थी। जमानत याचिका की सुनवाई अपर मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट, विशेष मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए निधि यादव प्रथम के न्यायालय में हुई। उन्होंने बताया कि अभियोजन ने जमानत का विरोध किया। जबकि पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। उन्हें झूठा फंसाया गया है। न्यायालय ने समस्त प्रपत्रों का अवलोकन करने के बाद पूर्व मंत्री अशोक यादव को जमानत पर रिहा कर दिया।