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सांसद पप्पू यादव ने सहरसा जिले को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने मांग की

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सहरसा, 03 अक्टूबर (हि.स.)। पूर्णिया लोकसभा से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने गुरुवार को सहरसा में पत्रकार वार्ता में जिले को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने मांग की। उन्होंने कहा कि 72 घंटे से पहले केंद्र सरकार एवं बिहार सरकार को सूचना मिली की कोसी नदी में 6 लाख 63 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। फिर भी सरकार के द्वारा आम जनता को इसकी जानकारी नहीं दी गई। जिसके कारण कोसी तटबंध के अंदर रहने वाले लाखों लोगों पर इसका असर पड़ा।

सांसद पप्पू यादव ने कहा कि लाखों घर डूब गए। मवेशी भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया। करोड़ की फसल क्षति हुई। लोगों की जिंदगी तबाह हो गई। कई मासूमों को जान गंंवानी पड़ी लेकिन सरकार के द्वारा कोई इंतजाम नहीं किया गया बल्कि लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र को नेपाल से क्यों डर लगता है। सरकार द्वारा ना तो हाइडैम बनाने की बात हो रही है। ना कोई समझौता किया जा रहा है। ना कोई नई बैराज के बारे में गंभीरता से सोचा जा रहा है। पुराने कोसी तटबंध को नवीनीकरण एवं चौड़ीकरण की बात नहीं करते हैं। नदियों के अंदर जमा गाद को हटाने के लिए भी कोई काम नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बांध को वर्ल्ड बैंक के माध्यम से मरम्मती भी नहीं कराया जा रहा है। नेताओं की मिली भगत से ठेकेदार के माध्यम से लूटने का काम किया जा रहा है। कोसी तटबंध के अंदर जिला प्रशासन की मुस्तैदी के बाबजूद कोशी बांध को नहीं बचाया जा सका। जमालपुर एवं किरतपुर गांव के नदी का पश्चिमी तटबंध टूट गया। इसके लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पडा है। उन्होंने कहा कि मैं पहले आदमी था जो बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचकर आंसू पोछने का काम किया। साथ ही भूख प्यास से तडप रहे लोगो को बोतलबंद पानी राशन एवं नगद राशि भी प्रदान किया गया। खाने के लिए सामुदायिक किचन प्रारंभ किया गया है।

सांसद यादव ने कहा कि 2008 में कुशवाहा त्रासदी के समय इसे राष्ट्रीय शोक माना गया। साथ ही करोड़ों रुपये बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए आया। क्षेत्र के विकास के लिए भी करोड़ों रुपये आया लेकिन आज तक उन क्षेत्रों में स्थिति जस की तस बनी हुई है। खेतों में अभी भी बालू पसरा हुआ है जिसके कारण किसान मायूस है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में चुनाव हो रहे हैं जिसके कारण वहां हेलीकॉप्टर की भरमार लगी हुई है लेकिन बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सुविधा नहीं दी गई है। बाढ़ पीड़ित पानी में डूब रहे हैं लेकिन उन नेताओं को कोई चिंता नहीं हो रही है। उन लोगों के लिए बाढ़ पिकनिक स्पॉट जैसा प्रतीत हो रहा है जिसके कारण पक्ष विपक्ष सहित कोई राजनेता या जनप्रतिनिधि बाढ़ पीड़ितों के आंसू पहुंचने के काम नहीं आ रहे हैं।