रायबरेली,02अक्टूबर (हि. स.)। महाकुंभ से पहले प्रयागराज-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग का काम पूरा होना एक मुश्किल टॉस्क है,लेकिन इसे पूरा करने की क़वायद अब तेज हो रही है।प्रयागराज और रायबरेली प्रशासन के समन्वय से कठिन दिख रहा यह काम शायद अब गति पकड़ सके।लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग में मिट्टी की कमी को अब एनटीपीसी की राख पूरा करेगी।प्रयागराज के कमिश्नर और रायबरेली जिलाधिकारी के बीच राख आपूर्ति को लेकर सहमति बन गई है।जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने एनटीपीसी ऊंचाहार से राख उपलब्ध कराने का वादा किया है। जिसके बाद उम्मीद है कि राजमार्ग के निर्माण कार्य मे तेजी आ सकेगी।
उल्लेखनीय है लखनऊ से प्रयागराज के बीच करीब दो सौ किमी के स्ट्रेच में रायबरेली से लखनऊ तक फोरलेन है। प्रयागराज से रायबरेली तक फोरलेन का कार्य चल रहा है। लगभग 1636 करोड़ रुपये की लागत से हाईवे के चौड़ीकरण कार्य में मिट्टी की कमी से कार्य प्रभावित हो रहा था।
इस प्रोजेक्ट को नवंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।जो कि एक मुश्किल टॉस्क साबित हो रहा है।हालांकि मिट्टी की कमी को राख से अब पूरा किया जाएगा जिसको लेकर अधिकारियों के बीच सहमति भी बन गई है।राख की आपूर्ति एनटीपीसी से होनी है ,जिससे निर्माण कार्य मे काफ़ी सहूलियत रहेगी।गौरतलब है कि प्रयागराज से रायबरेली तक जगतपुर, बाबूगंज, ऊंचाहार व आनापुर में कुल 24.14 किमी का बाईपास व सई नदी पर पुल बन रहा है। नवाबगंज से मलाक हरहर तक ज्यादा ट्रैफिक होने के चलते लगभग 8.5 किमी तक हाईवे को फोरलेन के बजाय सिक्सलेन कराया जा रहा है। प्रयागराज से रायबरेली तक कुल 106 किमी राजमार्ग चौड़ा करके फोर लेन किया जा रहा है।इस राजमार्ग के बनने से लखनऊ के साथ ही बरेली, मुरादाबाद समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के साथ उत्तराखंड से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलेगी।