बिहार के गया जिले में एक शख्स इन दिनों आयकर विभाग के चक्कर लगा रहा है। आयकर विभाग ने 10 हजार रुपए की प्राइवेट नौकरी करने वाले शख्स को 2 करोड़ का नोटिस थमा दिया है। पीड़ित की पहचान राजीव कुमार के रूप में हुई है। राजीव का कहना है कि वह 10 हजार रुपए महीना कमाता है। मैंने अपनी जिंदगी में इतनी बड़ी रकम के बारे में कभी नहीं सोचा था। इस नोटिस से राजीव का पूरा परिवार सदमे में है। अब उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या होगा।
राजीव ने बताया कि वह एक साधारण मजदूर है। हमें रोजी-रोटी कमाना है। राजीव पिछले चार दिनों से आयकर विभाग के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है। राजीव ने बताया कि अगर वह सारी जिंदगी मजदूरी करते रहे तो भी इतनी बड़ी रकम कभी नहीं कमा पाएंगे।
ऐसे मिला 2 करोड़ का नोटिस
राजीव ने बताया कि 22 जनवरी 2015 को उन्होंने कॉरपोरेशन बैंक (गया ब्रांच) में 2 लाख रुपए का फिक्स डिपॉजिट कराया था। जिसे उन्होंने मैच्योरिटी से पहले 16 अगस्त 2016 को निकाल लिया। इसके बावजूद उन्हें आयकर विभाग की ओर से 2 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा गया है। नोटिस में बताया गया है कि वर्ष 2015-16 में राजीव ने 2 करोड़ रुपए का फिक्स डिपॉजिट कराया था। जिसका रिटर्न दाखिल नहीं किया है। साथ ही टैक्स की राशि भी जमा नहीं की है। राजीव को दो दिनों के अंदर 67 लाख रुपए का जुर्माना भरने को कहा गया है। राजीव का कहना है कि मुझे आयकर से संबंधित कोई जानकारी नहीं है। राजीव को आयकर विभाग की ओर से बताया गया कि यह तकनीकी गलती हो सकती है। उन्हें अपील दाखिल करने की सलाह दी गई है। अगर यह गलती पाई जाती है तो अपील के जरिए इसे ठीक कराया जा सकता है।
विकल्प क्या है?
अगर किसी ऐसे व्यक्ति को गलत तरीके से नोटिस मिलता है तो उसे आयकर विभाग में अपील करनी चाहिए। विभाग को अपनी आय और बैंक खाते से जुड़ी जानकारी देनी चाहिए। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति को अपना बैंक स्टेटमेंट, पैन कार्ड और दूसरे जरूरी दस्तावेज जमा कराने होंगे।