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महाधमनी का क्षतिग्रस्त भाग कृत्रिम ग्राफ्ट से किया जाता है प्रतिस्थापित : डॉ. विशाल

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बरेली, 28 सितंबर (हि.स.)। गंगाशील अस्पताल की सीटीवीएस टीम के डॉ. विशाल अग्रवाल ने बताया कि सीटीवीएस एक जटिल और विशेष प्रकार की हृदय शल्य क्रिया है, जो मुख्य रूप से महाधमनी और महाधमनी वाल्व में किसी विकार या खराबी को ठीक करने के लिए की जाती है। इस ऑपरेशन के दौरान महाधमनी वाल्व को कृत्रिम वाल्व से बदल दिया जाता है। महाधमनी का क्षतिग्रस्त भाग कृत्रिम ग्राफ्ट से प्रतिस्थापित किया जाता है। जबकि अन्य हृदय शल्यक्रियाएँ जैसे बायपास सर्जरी, हृदय के धमनियों में रुकावट को ठीक करती हैं। यह अन्य ऑपरेशनों की तुलना में अधिक जटिल और जोखिमपूर्ण है क्योंकि इसमें हृदय की सबसे बड़ी धमनी को ठीक किया जाता है।

डॉ. विशाल अग्रवाल ने बताया कि आइवीएल एक आधुनिक हृदय प्रक्रिया है। जो धमनियों में कैल्शियम जमाव को तोड़ने के लिए उच्च ऊर्जा वाली ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है। यह अन्य प्रक्रियाओं जैसे एंजियोप्लास्टी से अलग है क्योंकि यह सीधे कैल्शियम को लक्षित करती है। जिससे यह कम आक्रामक और तेज रिकवरी वाली बनती है।

डॉ. शालिनी महेश्वरी ने मरीजों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि गंगाशील अस्पताल हमेशा से ही हर मरीज को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने भविष्य में भी चिकित्सा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने का संकल्प लिया है, ताकि हम सभी के लिए उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कर सकें। कांफ्रेंस में डॉ रणधीर सिंह एनेस्थेटिस्ट, संजीव चौहान परफुसिओनिस्ट, संजय पाठक, दीपक पोस्ट ऑप इंचार्ज, संदीप सिंह कैथलैब इंचार्ज, आशीष मिश्रा, राहुल तोमर, अभिषेक पॉल प्रशासक आदि मौजूद रहे।