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वर्क फ्रॉम होम: दिल्ली में ऑड-ईवन और वर्क फ्रॉम होम की तैयारी, सख्ती से होगा पालन

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वर्क फ्रॉम होम: बुधवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ 21 सूत्री विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इसे सख्ती से लागू करेगी। इसके तहत ऑड-ईवन और वर्क फ्रॉम होम की योजना है। सर्दियों में प्रदूषण बढ़ने पर इन उपायों को लागू किया जाएगा।

गोपाल राय ने कहा कि पिछले वर्षों में राजधानीवासियों और दिल्ली सरकार के दस ऐतिहासिक प्रयासों के कारण प्रदूषण के स्तर में 34.6 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2016 में जहां प्रदूषण के 243 दिन थे, वहीं 2023 में यह घटकर 159 दिन रह गए हैं। उन्होंने कहा कि विंटर एक्शन प्लान के तहत इस बार पहली बार दिल्ली में प्रदूषण वाले हॉट स्पॉट पर ड्रोन से निगरानी की जाएगी।

प्रदूषण की निगरानी और रोकथाम के लिए छह सदस्यीय विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि आपातकालीन उपाय के तौर पर ऑड-ईवन और कृत्रिम बारिश पर ध्यान दिया जाएगा। घर से काम करने को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदूषण बढ़ने पर ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) को सख्ती से लागू किया जाएगा और केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।

निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी गोपाल राय ने कहा कि इस बार 5,000 एकड़ से अधिक खेतों में बायो-डिकंपोजर का निशुल्क छिड़काव किया जाएगा। निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और वाहन प्रदूषण कम करने के साथ-साथ खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगाई जाएगी।

गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में स्थित थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिए गए हैं। आज दिल्ली देश का एकमात्र ऐसा शहर है, जहां कोई कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट नहीं है। धूल प्रदूषण फैलाने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है और वेब पोर्टल के माध्यम से उनकी रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। दिल्ली में पंजीकृत 1959 औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषणकारी ईंधन से हटाकर पाइप्ड नेचुरल गैस पर शिफ्ट किया गया है। हॉटस्पॉट की विशेष निगरानी की जा रही है, ताकि प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट इलाकों में प्रदूषण कम करने के लिए विशेष निगरानी की जा रही है। पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की वजह से दिल्ली में प्रवेश करने वाले गैर-जरूरी वाहनों की संख्या में भारी कमी आई है।

एनसीआर राज्यों से सहयोग की अपील

● एनसीआर से दिल्ली आने वाले सभी सार्वजनिक वाहन सीएनजी या इलेक्ट्रिक होने चाहिए

● औद्योगिक इकाइयों को PNG में परिवर्तित करें

● ईंट भट्टों को जिग-ज़ैग तकनीक में परिवर्तित किया जाना चाहिए

● डीजल जनरेटर पर निर्भरता कम करने के लिए सभी सोसायटियों को 24 घंटे बिजली दी जानी चाहिए

● पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। पराली के धुएं से होने वाले प्रदूषण को रोका जाना चाहिए

‘रोकथाम के लिए मिलकर काम करने की जरूरत’

गोपाल राय ने कहा, दिल्ली का दो तिहाई से ज़्यादा प्रदूषण दिल्ली के बाहर के स्रोतों से होता है। सीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के प्रदूषण में 69 प्रतिशत योगदान बाहरी स्रोतों का है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार, भारत सरकार, सीएक्यूएम और एनसीआर राज्यों को मिलकर काम करना होगा।