तिरूपति लड्डू विवाद: तिरूपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। अब इस तिरूपति लड्डू विवाद पर दो दिग्गज अभिनेता आमने-सामने आ गए हैं और उनके बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। बात ये है कि, तिरूपति मंदिर प्रसाद मामले में 11 दिन का ‘प्रायश्चित’ कर रहे आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम और एक्टर पवन कल्याण के मशहूर एक्टर प्रकाश राज ने कमेंट किया है.
सनातन धर्म रक्षा बोर्ड बनाने की मांग
बात यह है कि, तिरूपति मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट का मामला सामने आने के बाद पवन कल्याण ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा था, जिसके बाद अभिनेता प्रकाश राज ने उनकी आलोचना की थी। इस मुद्दे पर पवन कल्याण ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
इस मामले के सामने आने के बाद पवन कल्याण ने कहा कि मैं इससे बहुत दुखी हूं. अपने पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा कि शायद अब समय आ गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर एक ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ बनाया जाए जो पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े मुद्दों पर नजर रखेगा.
पवन कल्याण के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्गज अभिनेता प्रकाश राजे ने लिखा, ‘प्रिय पवन, यह घटना उस राज्य में हुई है जहां आप डिप्टी सीएम हैं। कृपया जांच कर दोषियों का पता लगाएं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।’ आप इस मुद्दे को सनसनीखेज क्यों बना रहे हैं और इसे राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा बनाना चाहते हैं? देश में पहले से ही काफी सांप्रदायिक तनाव है (केंद्र में आपके दोस्तों को धन्यवाद)।’
धर्मनिरपेक्षता परस्पर होनी चाहिए: पवन कल्याण
प्रकाश राज की बात का जवाब देते हुए अब पवन कल्याण ने कहा, ‘मैं हिंदू धर्म की पवित्रता और खाद्य पदार्थों में मिलावट के बारे में बोल रहा हूं। मुझे इस मामले में क्यों नहीं बोलना चाहिए? मैं आपका सम्मान करता हूं प्रकाश राज, और जब धर्मनिरपेक्षता की बात आती है तो यह पारस्परिक होना चाहिए। मुझे समझ नहीं आ रहा कि आप मेरी आलोचना क्यों कर रहे हैं? क्या मैं सनातन धर्म पर हो रहे हमले के बारे में नहीं बोल सकता? आपको कुछ सीखना चाहिए. न तो फिल्म उद्योग और न ही किसी को भी इस मुद्दे को हल्के में लेना चाहिए। मैं सनातन धर्म को लेकर बहुत गंभीर हूं।’
पवन कल्याण यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए सनातन धर्म सबसे महत्वपूर्ण है. इस मामले में सभी हिंदुओं को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’ अगर ऐसा किसी और धर्म में होता तो बड़ा आंदोलन होता.’