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नया एक्सप्रेसवे: अब 9 घंटे में पूरा होगा 15 घंटे का सफर, जानिए कब शुरू होगा इस एक्सप्रेसवे का काम

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक एक्सप्रेसवे (गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे) बनाया जाएगा। भारत-नेपाल सीमा के समानांतर बन रहे इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण से गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच की दूरी घटकर 519 किलोमीटर रह जाएगी। फिलहाल गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने के लिए कोई सीधी सड़क नहीं है। दोनों शहरों के बीच की दूरी तय करने में अभी 15 घंटे लगते हैं। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण से यह समय घटकर सिर्फ नौ घंटे रह जाएगा। इस एक्सप्रेसवे की डीपीआर तैयार है और अगले महीने से बिहार में इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा। एक्सप्रेसवे को 2028 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

519 किलोमीटर लंबे गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण पर करीब 32,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से 3 राज्यों- यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल को फायदा होगा। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में 84.3 किलोमीटर, बिहार में 416.2 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल में 18.97 किलोमीटर लंबा बनेगा। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर से होकर गुजरेगा।

यह होगा मार्ग

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे गोरखपुर के जगदीशपुर से शुरू होकर कुशीनगर के तमकीराज तहसील से बिहार के गोपालपंज में प्रवेश करेगा। यह एक्सप्रेसवे बिहार के आठ जिलों पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से होते हुए सिलीगुड़ी तक जाएगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए गंडक नदी पर दो बड़े पुल भी बनाए जाएंगे। जिसका कुछ हिस्सा यूपी में और कुछ बिहार में होगा। दोनों राज्यों की ओर से गंडक नदी पर बनाए जाने वाले यह पुल 10 किलोमीटर लंबा होगा। एक्सप्रेसवे बिहार के पश्चिमी चंपारण के 15, पूर्वी चंपारण के 69, शिवहर के 7, सीतामढ़ी के 33, मधुबनी के 66 और सुपौल के 43, अररिया के 47 और किशनगंज के 25 गांवों से होकर गुजरेगा।

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे पर 25 जगहों पर इंटरचेंज बनाए जाएंगे, जहां से स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे और दूसरी मुख्य सड़कें जुड़ेंगी। जिससे लोगों को आने-जाने में काफी सुविधा होगी। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे को गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेसवे जैसे दूसरे रूट से भी जोड़ा जाएगा। इससे सिलीगुड़ी से दिल्ली और यूपी के बड़े शहरों की यात्रा आसान हो जाएगी। इसके बनने के बाद मोतिहारी से सिलीगुड़ी की दूरी 390 किलोमीटर और गोरखपुर की दूरी 130 किलोमीटर रह जाएगी।