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गंगा का जलस्तर कम हाेना शुरू, चेतावनी बिंदु से 27 सेमी. ऊपर रहने से अभी भी मुश्किलें बरकरार

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वाराणसी, 18 सितम्बर (हि.स.)। जिले में गंगा की उफान मारती लहरें खतरे के निशान के पास पहुंचने के बाद अब घटाव की ओर है। 0.5 सेमी प्रति घंटा की दर से जलस्तर में कमी हो रही है। केन्द्रीय जल आयोग के बुलेटिन के अनुसार बुधवार शाम 06 बजे गंगा का जलस्तर 70.53 मीटर दर्ज किया गया। वाराणसी में गंगा नदी का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है, खतरे का बिंदु 71.26 मीटर है। उच्चतम बिंदु 73.90 मीटर है। वर्तमान में गंगा चेतावनी बिंदु से 27 सेमी. ऊपर है एवं खतरे के बिंदु से 73 सेमी. नीचे है।

काशी में गंगा के लहरों में धीरे-धीरे कम हाेने के बावजूद तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुई है। तटवर्ती क्षेत्र के मोहल्ले और गांवों में हजारों घर बाढ़ के पानी से घिर गए है। वाराणसी के सभी 84 घाट जलमग्न हैं। मोक्षतीर्थ मणिकर्णिकाघाट पर शवदाह के लिए लोगों को गलियों में भी नावों का सहारा लेना पड़ रहा है। शवदाह के लिए जगह कम पड़ गयी है। यहीं हाल हरिश्चंद्र घाट का है। गंगा के जलस्तर में लगातार छठवीं बार बढ़ने से नाविक भी रोटी रोजी के संकट से संकट से जूझ रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने कुल 46 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किये हैं। जिनमे से 16 बाढ़ राहत शिविर क्रियाशील हैं। इनमें प्राथमिक विद्यालय सालारपुर, प्राथमिक विद्यालय सरैया, प्राथमिक विद्यालय ढेलवरिया, चित्रकूट कान्वेंट स्कूल नक्खीघाट, सिटी गर्ल्स स्कूल, बड़ी बाजार, दीप्ती कान्वेंट स्कूल, हुकुलगंज, नवोदय पब्लिक स्कूल, दानियालपुर, रामजानकी मंदिर, ढेलवरिया, तुलसी निकेतन, हुकुलगंज, नवयुग विद्या मंदिर, ढेलवरिया, प्राथमिक विद्यालय रामपुर ढाब, जेपी मेहता इंटर कॉलेज, सुभाष इंटर कॉलेज, कोनिया, सरस्वती इंटर कॉलेज, हुकुलगंज, प्राथमिक विद्यालय, डोमरी, यूनाइटेड पब्लिक स्कूल, सरैया हैं।

अपर जिलाधिकारी वंदिता श्रीवास्तव के अनुसार राहत शिविरों में वर्तमान में 448 परिवार के 2860 लोग रह रहे हैं। उन्हें आवश्यकतानुसार और बाढ़ राहत शिविर को क्रियाशील कर दिया जाएगा। इन बाढ़ राहत शिविरों में निवास कर रहे व्यक्तियों एवं परिवारों के लिए स्वच्छ ताज़ा गर्म भोजन, फल, दूध, पेयजल के साथ साथ समस्त मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई गई है। शिविर में मेडिकल कैम्प स्थापित किया गया है। जिसमें बाढ़ पीड़ितों का स्वास्थ्य परिक्षण किया जा रहा है। अबतक 1093 पैकेट ओआरएस 7685 क्लोरिन टैबलेट का वितरण हो चुका है। लगभग 523 लोगों का उपचार किया गया है। नगर निगम ने शिविरों में फॉगिंग कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि गंगा और वरूणा नदी में बाढ़ से कुल 7134 लोग प्रभावित है। बाढ़ में बचाव के लिए जिला प्रशासन ने 25 नावें लगाई हैं। एनडीआरएफ की एक टीम एवं जल पुलिस भी मोटर बोट से राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। दोनों नदियों के जलस्तर की निगरानी की जा रही है, जलस्तर में वृद्धि होने के कारण आम जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत नौकाओं के संचालन पर रोक लगाया गया है। बाढ़ से प्रभावित पशुओं के लिए भूसा की व्यवस्था की गई है, अब तक 682 कुंतल भूसा का वितरण किया गया है। बाढ़ कंट्रोल रूम 24 घंटे क्रियाशील है।