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हम सभी अपनी मातृभाषा से प्रेम करें, परन्तु अन्य भाषा के साथ दुराग्रह नहीं होना चाहिए : जस्टिस कृष्ण पहल

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प्रयागराज, 18 सितम्बर (हि.स.)। हम सभी को अपनी मातृभाषा से प्रेम करना चाहिए, साथ ही अन्य भाषा के प्रति दुराग्रह भी नहीं होना चाहिए। यह बात इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश कृष्ण पहल ने बुधवार को अधिवक्ता परिषद काशी उच्च न्यायालय इकाई प्रयागराज की ओर से अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के स्थापना दिवस पर अधिवक्ताओं को सम्बोधित करते हुए कही।

बार एसोसिएशन के लाइब्रेरी हाल में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य वक्ता उन्होंने अधिवक्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के किसी भी न्यायालय में हिन्दी में वाद पत्र तैयार करने एवं अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखने में कोई विधिक बाधा नहीं है। हमें प्रयास करना चाहिए कि हम अपनी मातृभाषा का अधिकाधिक प्रयोग करें एवं न्यायालय में भी अपने बात को भी मातृभाषा में रखें। अधिवक्ता परिषद के समाज में महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने कहा कि बार काउंसिल एवं बार एसोसिएशन अधिवक्ता हितों के बारे में चिंता करने के लिए हैं परंतु अधिवक्ता परिषद को समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को न्याय दिलाने हेतु गठित किया गया है।

उन्होंने कहा कि अधिवक्ता परिषद युवा अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। कानून निर्माण प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि निर्माण के पूर्व विस्तृत चर्चा होनी चाहिए और अधिवक्ताओं को इसमें अति सक्रिय भूमिका अदा करनी चाहिए। उन्होंने कई विधियों में आने वाली विसंगतियां को उद्धृत किया एवं अधिवक्ताओं को विभिन्न विषयों का अध्ययन करने एवं तर्कशीलता बढ़ाने का सुझाव भी दिया।

विशिष्ट अतिथि अपर महाधिवक्ता महेश चन्द्र चतुर्वेदी ने अधिवक्ता परिषद को निरंतर ऐसे आयोजन करने का सुझाव दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने अधिवक्ताओं को धन्यवाद देते हुए न्यायमूर्ति द्वारा कही गई बातों का अनुसरण करने का आह्वान किया।

इससे पहले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति कृष्ण पहल विशिष्ट अतिथि अपर महाधिवक्ता महेश चंद्र चतुर्वेदी एवं बार के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। विषय की प्रस्तावना अधिवक्ता सौमित्र द्विवेदी ने रखी। कार्यक्रम में मुख्य स्थाई अधिवक्ता द्वितीय डॉ राजेश्वर त्रिपाठी, अधिवक्ता परिषद काशी के महामंत्री नीरज सिंह, उपाध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी, वरुण सिंह, प्रियंका शर्मा, सुचिता त्रिपाठी, वत्सला उपाध्याय, प्रभूति कांत त्रिपाठी, विनायक रंजन पांडेय, नागेंद्र कुमार पांडेय, संदीप सिंह, रित्विक शाह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता अभिनव गौर ने किया।