15 फरवरी, 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री सूरज घर योजना शुरू की गई, जिसका उद्देश्य देश में घरों को मुफ्त बिजली प्रदान करना है। इस योजना के तहत लोगों को अपनी छतों पर सोलर पैनल लगवाने के लिए 40 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी.
इससे देशभर के करीब 1 करोड़ परिवारों को फायदा होने की उम्मीद है। साथ ही सरकार को हर साल बिजली खर्च में करीब 75,000 करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है.
योजना के मुख्य लाभ: सब्सिडी: इस योजना के तहत, सौर पैनल स्थापित करने की कुल लागत का 40% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिससे सौर पैनलों की लागत सस्ती हो जाएगी।
सब्सिडी का शीघ्र वितरण:
पहले सब्सिडी मिलने में एक महीना लगता था लेकिन अब इस अवधि को घटाकर 7 दिन करने का प्रयास किया जा रहा है. सरकार को अब तक 18 लाख आवेदन मिले हैं और 1.30 करोड़ लोगों ने योजना के लिए पंजीकरण कराया है.
एनपीसीआई सगाई:
योजना में एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) को शामिल किया जाएगा, जिससे बैंक खातों का मिलान तेजी से होगा और सब्सिडी जल्द ही लाभार्थियों के खातों में जमा हो जाएगी।
3.85 लाख इंस्टालेशन:
इस योजना के तहत अब तक 3.85 लाख सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं. भुगतान प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए बैक-एंड इंटीग्रेशन की प्रक्रिया में भी तेजी लाई जा रही है।
आवेदन कैसे करें?
इस योजना के लिए आवेदन सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर किया जा सकता है। रूफटॉप के लिए आवेदन यूजर नंबर और मोबाइल नंबर के साथ लॉग इन करके किया जा सकता है। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन फॉर्म भरकर पूरी की जा सकती है।
आवेदन के लिए पात्रता:
इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए। आवेदक के पास सोलर पैनल लगाने के लिए उपयुक्त छत वाला घर होना चाहिए और घर में वैध बिजली कनेक्शन भी होना चाहिए। परिवार का कोई अन्य सदस्य पहले से ही सौर सब्सिडी का लाभ नहीं उठा रहा हो।
आवश्यक दस्तावेज:
पहचान प्रमाण, पता प्रमाण, बिजली बिल, छत स्वामित्व प्रमाण पत्र
सब्सिडी की राशि:
इस योजना के तहत सोलर पैनल लगाने पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। सोलर पैनल की कीमत लगभग 65,000 रुपये प्रति किलोवाट है। सब्सिडी विवरण इस प्रकार हैं:
2 किलोवाट तक: 30,000 रुपये प्रति किलोवाट
3 किलोवाट तक: 48,000 रुपये प्रति किलोवाट
3 किलोवाट से ऊपर: 78,000 रुपये
इस योजना के जरिए सरकार न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रही है, बल्कि आम लोगों की बिजली खपत को कम करने के लिए भी कदम उठा रही है.