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सरकार ने रातोंरात खाद्य तेल और कच्चे तेल पर सीमा शुल्क बढ़ाया, प्याज पर भी केंद्र का बड़ा ऐलान

खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी: जहां आम आदमी लगातार महंगाई से परेशान है, वहीं केंद्र सरकार ने एक और झटका देते हुए दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले कच्चे और खाद्य तेल (रिफाइंड तेल) पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का फैसला किया है। यह बढ़ोतरी सूरजमुखी तेल, पाम तेल और सोयाबीन तेल पर की गई है। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, कच्चे तेल पर कस्टम ड्यूटी 0 से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है, जबकि खाने के तेल पर कस्टम ड्यूटी अब 32.5 फीसदी कर दी गई है. 

 

 

खाद्य तेल पर कस्टम ड्यूटी बढ़कर 32.5% हुई 

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार ने कच्चे तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल, पाम तेल और सोयाबीन तेल पर मूल सीमा शुल्क बढ़ा दिया है। सीमा शुल्क में बदलाव के बाद नई दरें आज यानी 14 सितंबर 2024 से लागू हो जाएंगी. कच्चे तेल पर मूल सीमा शुल्क 0 से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है, जबकि खाद्य तेल पर इसे 12.5 से बढ़ाकर 32.5 फीसदी कर दिया गया है. मूल सीमा शुल्क में बढ़ोतरी के बाद कच्चे तेल पर प्रभावी शुल्क क्रमश: 5.5 प्रतिशत से बढ़कर 27.5 प्रतिशत और खाद्य तेल पर प्रभावी शुल्क 13.75 प्रतिशत से बढ़कर 35.75 प्रतिशत हो जाएगा.

 

 

 प्याज पर निर्यात शुल्क घटाकर 20 फीसदी किया गया

खाद्य तेल पर सीमा शुल्क बढ़ाने के साथ ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है. मोदी सरकार ने प्याज किसानों को राहत देते हुए प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य हटा दिया है. इसके अलावा प्याज पर निर्यात शुल्क 40 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. सरकार के इस कदम का असर प्याज की कीमत पर भी देखा जा सकता है, जो पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रही है. प्याज के अलावा सरकार ने बासमती चावल के निर्यात के लिए भी न्यूनतम निर्यात मूल्य हटा दिया है।

 

 

किसानों को फायदा होगा

विशेषज्ञों के मुताबिक, खाद्य तेल पर सीमा शुल्क बढ़ाने से किसानों को काफी फायदा होगा, क्योंकि इससे उनकी आय बढ़ेगी. इसके अलावा बासमती और चावल तथा प्याज से न्यूनतम निर्यात मूल्य हटाने का निर्णय भी किसानों के हित में लिया गया है और इससे देश के किसानों को भी मदद मिलेगी।