अररिया 13 सितंबर(हि.स.)। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हृदय रोग से ग्रसित जिले के 10 बच्चों को जरूरी इलाज के लिए शुक्रवार को अहमदाबाद भेजा गया। इससे पूर्व डीएम अनिल कुमार सभी बीमार बच्चों के परिजनों से मिले। जिलाधिकारी ने बच्चों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। राजधानी पटना स्थित इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में जरूरी जांच के बाद सभी बीमार बच्चे गुजरात के अहमदाबाद स्थित देश के प्रतिष्ठित सत्य साई हॉस्पिटल के लिए रवाना होंगे।
बच्चों के इलाज से लेकर परिवहन संबंधी सभी खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
बच्चों के परिजनों से मिलने के उपरांत जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित बाल हृदय योजना का मुख्य उद्देश्य हृदय रोग से ग्रसित 0 से 18 साल तक के बच्चों को उच्चतर स्तर की चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है। जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक तंगी या किसी अन्य कारणों से बच्चों का इलाज कराने में असक्षम लोगों जरूरी मदद उपलब्ध कराने के लिए प्रति प्रतिबद्ध है। हमारा उद्देश्य बच्चों को समय पर उचित इलाज उपलब्ध कराना है, ताकि वे जल्द स्वस्थ हो सकें एवं सामान्य जीवन जी सकें। बच्चों को जरूरी इलाज के लिए रवाना करते हुए जिलाधिकारी द्वारा सभी बच्चों को उनके बेहतर भविष्य की शुभकामना भी दी गई।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 साल तक के चर्मरोग, दांत, आंख, श्वसन संबंधी विकार, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू सहित कई अन्य रोगों नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। आम लोगों को इसके प्रति जागरूक होने व दूसरे को भी इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है। सरकार की ये पहल ना सिर्फ बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास है, बल्कि समाज के कमजोर वर्ग को ये एहसास दिलाता है उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। सरकार का ये कदम उन परिवारों के लिये आशा की किरण है, जो अपने बच्चों के इलाज के लिये संघर्ष कर रहे हैं। मौके पर सिविल सर्जन डॉ के.के. कश्यप, डीपीएम संतोष कुमार, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ प्रशांत कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।